रायपुर:छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके के अनुमोदन के बाद कोविड-19 महामारी के प्रभाव को देखते हुए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की परीक्षा पद्धति और PHD के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. यह संशोधन अध्यादेश क्रमांक-18 और अध्यादेश क्रमांक-60 में किया गया है.
इसके मुताबिक अंतिम वर्ष सेमेस्टर पाठ्यक्रम को छोड़कर UG, PG और डिप्लोमा कोर्स के सभी मध्यवर्ती सेमेस्टर और साल के अंत के परीक्षाओं का मूल्यांकन विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के निर्धारित किए गए मूल्यांकन पद्धति के आधार पर किया जाएगा.
PHD थीसिस जमा करने का समय 6 महीने बढ़ा
राज्यपाल ने निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों को परीक्षा और संबंधित गतिविधियों के संचालन के बारे में कम से कम 15 दिन पहले सूचित किया जाए. जिन विद्यार्थियों की PHD थीसिस की समय-सीमा समाप्त हो गई है या कोरोना महामारी की अवधि के दौरान समाप्त हो रही है, उन्हें थीसिस प्रस्तुत करने की निर्धारित तारीख से 6 महीने की अनुमति दी जाए. यह प्रावधान यूजी, पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर और विश्वविद्यालय की ओर से संचालित सभी महाविद्यालयीन परीक्षाओं पर लागू नहीं होंगे.
निर्धारित मापदंड के तहत किया जाएगा मूल्यांकन
परीक्षा आयोजन का निर्णय कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा. इन संशोधनों के मुताबिक 14 मार्च 2020 से पहले आयोजित सभी परीक्षाओं का मूल्यांकन अध्यादेशों में निर्धारित मापदंड और प्रक्रिया के तहत किया जाएगा.
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर पाठ्यक्रम को छोड़कर साल 2019-20 के स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के अन्य सभी मध्यवर्ती सेमेस्टर और साल के अंत की परीक्षाओं का मूल्यांकन, विश्वविद्यालय-महाविद्यालय के किए गए आंतरिक मूल्यांकन में छात्रों को मिले 50 प्रतिशत ग्रेडिंग अंक और बचे हुए 50 प्रतिशत अंक पिछले सेमेस्टर या साल में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा.
नियम और आदेश जारी
- अगर पिछले सत्र में विषय उपलब्ध नहीं है, तो वर्तमान सत्र के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 100 प्रतिशत मूल्यांकन किया जाएगा.
- अगर कोई छात्र ग्रेड या अंकों में सुधार करना चाहे, तो वह अगले सेमेस्टर-वर्ष के दौरान ऐसे विषयों के लिए विशेष परीक्षा में उपस्थित हो सकता है.
- विश्लेषण के बाद विश्वविद्यालय के दिए गए किसी दूसरे अवसर में शामिल हो सकता है.
- अंतिम सेमेस्टर का कोई भी छात्र किसी सेमेस्टर में बैक होने की स्थिति में उसका मूल्यांकन विशेष प्रावधान के खंड-4 के अनुसार किया जाएगा.
- विद्यार्थियों की उपस्थिति के संबंध में यह माना गया है कि न्यूनतम प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता होने पर लॉकडाउन की अवधि को सभी छात्रों की उपस्थिति माना जाएगा.
- कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वर्तमान शैक्षणिक सत्र के परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, विशेष उपबंधों के तहत स्वचालित रूप से रद्द कर दिया जाएगा.
PHD के लिए नियम
- कोविड-19 महामारी के प्रभाव के परिणाम स्वरूप पीएचडी से संबंधित प्रावधानों में अनुमोदन के अनुसार संशोधन किया गया है.
- यह संशोधन अध्यादेश क्रमांक-60 से संबंधित है. इसके अनुसार PHD चिरायु-स्वर परीक्षाएं वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी.
- PHD डिग्री के लिए वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से वायवा-वायस परीक्षा आयोजित करते समय अनुसंधान सलाहकार समिति के सदस्यों, विभाग के सभी संकाय सदस्यों, अनुसंधान विद्वानों और अन्य विशेषज्ञ या शोधकर्ता भाग लेंगे.
- सभी के नियत रिकार्ड, जिसमें विशेषज्ञ के हस्ताक्षरित रिपोर्ट शामिल है, उसी को परीक्षा संचालित करने के लिए परीक्षक नियुक्त किया जाएगा.
- अनुसंधान विद्वानों के लिए न्यूनतम उपस्थिति के संबंध में लॉकडाउन की अवधि को भी न्यूनतम प्रतिशत माना जाएगा.