रायपुर: 1 अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2021- 22 की शुरुआत हो चुकी है. नए वित्तीय वर्ष में सरकार ने ने कई बदलाव किए हैं. इसी कड़ी में संपत्ति पंजीयन property registration पर लगने वाले पंजीयन शुल्क Registration fees को भी राज्य सरकार ने यथावत रखा है. सीएम भूपेश बघेल ने पंजीयन शुल्क गाइडलाइन की दरों में 30% की छूट को 1 वर्ष के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके तहत वर्तमान में 30% दरों में कमी वाली गाइडलाइन इस साल भी यथावत रहेगी. वहीं 75 लाख तक के बाजार मूल्य के आवासीय मकान और फ्लैट के विक्रय पर पंजीयन शुल्क गाइडलाइन मूल्य के 4% के स्थान पर 2% करने का निर्णय भी 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है.
सरकार पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ
हालांकि गाइडलाइन में परिवार के सदस्यों से दूसरे पक्ष को विक्रय, विनिमय और दान की स्थिति में संबंधित दस्तावेजों के पंजीयन के पंजीयन शुल्क गाइडलाइन मूल्य का 4% ही रखा गया है. पंजीयन शुल्क में की गई कमी का असर सरकार के स्वास्थ्य पर पड़ता नजर आ रहा है. क्योंकि प्रदेश सरकार 2 साल में ही काफी बड़ा कर्ज लिया से चुकी है, यदि सरकार इस छूट को बरकरार रखती है तो इसका असर राज्य सरकार के खजाने पर भी पड़ेगा. ऐसे में खजाने पर पड़ने वाले असर की पूर्ति के लिए राज्य सरकार को फिर से कर्ज लेना पड़ेगा.
रायपुर की बात की जाए तो यहां संपत्ति पंजीयन से राज्य सरकार को अरबों रुपए का शुल्क प्राप्त होता है.
वित्तीय वर्ष | तय लक्ष्य | प्राप्त आय | रजिस्ट्री की संख्या | आय का प्रतिशत |
2019-20 | 566 करोड़ | 467.66 करोड़ | 43,918 | 87.25% |
2020 -21 | 603.14 करोड़ | 490.16 करोड़ | 49,328 | 81.27% |