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एक्सपर्ट से जानिए क्या है 'डीप वेन थ्रोंबोसिस' के लक्षण और इलाज - लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी

डीप वेन थ्रोंबोसिस के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बीमारी से मरीजों की मौत भी हो रही है. ETV भारत की टीम ने रायपुर में इस बीमारी के इलाज और लक्षण को लेकर एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहीं डॉ गरिमा राजिमवाले से बात की है.

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डॉ गरिमा राजिमवाला से बात

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Published : Feb 9, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 10:21 PM IST

रायपुर: कोविड-19 संक्रमण के दौर में दुनिया भर में डीप वेन थ्रोंबोसिस के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है. इस बीमारी में नसों में ब्लड क्लॉट बनने से मरीज को बहुत ज्यादा कष्ट का सामना करना पड़ता है. आजकल इस बीमारी की पहचान तेजी से हो रही है. इस बीमारी के कारण कई मरीजों की मौत भी हो रही है. ETV भारत ने डीप वेन थ्रोंबोसिस को लेकर जानकारी जुटाई है. ETV भारत की टीम ने रायपुर में इस बीमारी के इलाज के लिए एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहीं डॉ गरिमा राजिमवाले से बात की है.

डॉ गरिमा राजिमवाले से बातचीत

क्या होता है डीप वेन थ्रोंबोसिस

शरीर की धमनियों में रक्त थक्के के रूप में जम जाता है. इस बीमारी को डीवीटी यानी डीप वेन थ्रोंबोसिस कहा जाता है. रक्त जमकर गाढ़ा हो तब थक्के बनते हैं . ये अक्सर पैरों के निचले हिस्से और जांघों में होता है. अगर इनके टुकड़े होकर शरीर के ऊपरी हिस्से में पहुंचने लगता हैं. इस बीमारी से मौत हो सकती है. कोरोना काल में इस तरह के मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ में थ्रोंबोसिस का इलाज करने वाली डॉ गरिमा राजिमवाले के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी कोविड के दौरान कई मरीजों के फेफड़े में थक्कों के कारण सूजन बढ़ा है. वेन थ्रोंबोसिस से पैरों में समस्या देखी गई है. इसके चलते हार्ट अटैक, लकवा का खतरा बढ़ जाता है.

पैर में रक्त का थक्का

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लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी

डॉक्टर ने बताया कि ज्यादातर बीमारियां अनियमित जीवन शैली से जुड़ी है. डीप वेन थ्रोंबोसिस होने में भी इसकी भूमिका है. लगातार खड़े होकर काम करने वालों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा धूम्रपान करने वालों के भी नसों में क्लॉट बनने की शिकायत देखी जा रही है.

डीप वेन थ्रोंबोसिस

क्या हैं लक्षण और इलाज

बीमारी से पैरों में लगातार दर्द बना रहता है. दर्द कभी-कभी असहनीय रूप ले लेता है. ऐसी स्थिति में इसे नजरअंदाज न करें. इसके लिए हाथ और पैर में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग वजह हो सकती है. सूजन, दर्द, स्किन का रंग बदलना, ब्रेन में क्लॉटिंग भी इसकी वजह हो सकती है. ऐसे में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे मरीजों को बोलने और देखने में भी परेशानी हो सकती है.

डीप वेन थ्रोंबोसिस के लक्षण

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डॉ गरिमा राजिमवाले के मुताबिक शुरुआती लक्षण नजर आते ही मरीज को इलाज मिल जाए तो आसानी से इस समस्या से उबरा जा सकता है. इस बीमारी का इलाज रायपुर में भी उपलब्ध है. इस पद्धति से इलाज में मरीज को अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इसके प्रति जागरूक होना और समय से अस्पताल पहुंचना जरूरी है. इस बिमारी में देरी घातक हो सकती है.

रायपुर में इलाज संभव
Last Updated : Feb 9, 2021, 10:21 PM IST

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