रायपुर: कोविड-19 संक्रमण के दौर में दुनिया भर में डीप वेन थ्रोंबोसिस के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है. इस बीमारी में नसों में ब्लड क्लॉट बनने से मरीज को बहुत ज्यादा कष्ट का सामना करना पड़ता है. आजकल इस बीमारी की पहचान तेजी से हो रही है. इस बीमारी के कारण कई मरीजों की मौत भी हो रही है. ETV भारत ने डीप वेन थ्रोंबोसिस को लेकर जानकारी जुटाई है. ETV भारत की टीम ने रायपुर में इस बीमारी के इलाज के लिए एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहीं डॉ गरिमा राजिमवाले से बात की है.
क्या होता है डीप वेन थ्रोंबोसिस
शरीर की धमनियों में रक्त थक्के के रूप में जम जाता है. इस बीमारी को डीवीटी यानी डीप वेन थ्रोंबोसिस कहा जाता है. रक्त जमकर गाढ़ा हो तब थक्के बनते हैं . ये अक्सर पैरों के निचले हिस्से और जांघों में होता है. अगर इनके टुकड़े होकर शरीर के ऊपरी हिस्से में पहुंचने लगता हैं. इस बीमारी से मौत हो सकती है. कोरोना काल में इस तरह के मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ में थ्रोंबोसिस का इलाज करने वाली डॉ गरिमा राजिमवाले के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी कोविड के दौरान कई मरीजों के फेफड़े में थक्कों के कारण सूजन बढ़ा है. वेन थ्रोंबोसिस से पैरों में समस्या देखी गई है. इसके चलते हार्ट अटैक, लकवा का खतरा बढ़ जाता है.
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लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी