छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए जद्दोजहद: इस वजह से फंस सकती है काउंसलिंग

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का दौर जारी है. छत्तीसगढ़ में 54 विद्यार्थियों को दूसरे राज्य का बताकर उनका एडमिशन निरस्त किया गया था, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जिस छात्रा को दूसरे राज्य का बताकर उसका एमबीबीएस एडमिशन रद्द किया था उसे हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है.

NEET 2020
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए जद्दोजहद

By

Published : Dec 19, 2020, 11:01 PM IST

रायपुर: नीट परीक्षा पास करने के बाद मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए इस बार बाहरी और राज्य का मसला काफी हावी रहा. यह मामला यहीं तक नहीं सिमटा यह मामला कोर्ट तक चला गया. इसके बाद 54 विद्यार्थियों का एडमिशन निरस्त किया गया, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जिस छात्रा को दूसरे राज्य का बताकर उनका एमबीबीएस एडमिशन रद्द किया था उसे हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है. जिसके बाद डीएमई कार्यालय में खलबली मच गई है.

दूसरे अधिकारियों ने इस पर मंथन किया है इसके बाद मामला राज्य के अटॉर्नी जनरल सतीश चंद्र वर्मा को भेजा गया है. उनका अभिमत मिलने के बाद शुक्रवार को आगे की काउंसलिंग का फैसला होगा. फिलहाल, काउंसलिंग और एडमिशन की प्रक्रिया ठंडी नजर आ रही है. जबकि इस साल कोरोना वायरस के कारण एमबीबीएस में एडमिशन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक है.

54 छात्र अपात्र घोषित किए गए थे

छत्तीसगढ़ राज्य के कोटे से नीट परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले 9 छात्र अपात्र करार दिए गए हैं. साथ ही 54 ऐसे छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है जिन्होंने दूसरे राज्य के मूल निवासी के साथ छत्तीसगढ़ का भी प्रमाण पत्र लगाया था. जिन छात्रों पर गाज गिरी है उनमें से आठ का प्रवेश मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस के लिए हो चुका है. वहीं 17 का दाखिला बीडीएस के लिए हुआ है. काउंसिल के निर्णय के बाद इन छात्रों का प्रवेश पूरी तरह से रद्द माना जाएगा.

पढ़ें-मुश्किल राहों को पार कर डॉक्टर बनने की राह पर किसान की बेटी, परिवार ने कहा- गर्व है

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाली छात्रा ने आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा है कि छात्रा को नियमानुसार काउंसलिंग में शामिल किया गया और एमबीबीएस सीट का आवंटन किया गया. उनके पास धागा का निवास प्रमाण पत्र भी है ऐसे में उनका एडमिशन कैसे रद्द किया जा सकता है? यहीं नहीं उन्हें ना कोई नोटिस दिया गया और ना ही उनका पक्ष जाना गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details