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रायपुर में अब नदी नहीं होगी प्रदूषित, एसटीपी प्लांट बनकर तैयार - रायपुर में अब नदी नहीं होगी प्रदूषित

रायपुर में एसटीपी प्लांट बनकर तैयार हो गया (STP plant ready in Raipur) है. इस प्लांट की सहायता से अब बारिश के दिनों में नालों के पानी को साफ पर नदी में प्रवाहित किया जा सकेगा. यानी कि अब रायपुर में नदी प्रदूषित नहीं होगी.

Now the river will not be polluted
अब नदी नहीं होगी प्रदूषित

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Published : Jun 5, 2022, 9:01 PM IST

रायपुर:हर साल रायपुर में बारिश के मौसम में शहर के कुछ इलाके जलमग्न हो जाते (STP plant ready in Raipur) है. यही कारण है कि हर साल निगम द्वारा पानी निकासी और जलभराव को लेकर पहले से ही व्यवस्था करने की बात तो की जाती है. लेकिन जैसे ही बरसात का मौसम शुरू होता है निगम की अव्यवस्था साफ नजर आने लगती है. शहर के गली-मोहल्ले तो दूर की बात है यहां तक कि शहर का हृदय स्थल जयस्तंभ चौक और घड़ी चौक में बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति निर्मित हो जाती है. बारिश के मौसम से पहले शहर के बड़े छोटे सभी नालियों की साफ-सफाई भी अच्छे से नहीं होने के कारण शहर में जलभराव की स्थिति देखने को मिलती है.

शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति: बता दें कि हर साल बारिश में निगम के दावे फेल हो जाते हैं. शहर के कुछ हिस्से में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. हर साल राजधानी का हृदय स्थल जयस्तंभ चौक, घड़ी चौक, मौदहापारा, देवेंद्र नगर, पुरानी बस्ती, अवंती विहार, स्टेशन रोड जैसे प्रमुख चौक-चौराहे में बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति निर्मित हो जाती है. हालांकि नगर निगम के अपर आयुक्त का कहना है, "इस बार शहर के सभी बड़े-छोटे नालों की साफ-सफाई बारिश के पहले से शुरू है. शहर के सीवरेज प्लांट भी बनकर तैयार हैं. शहर का गंदा पानी, जो सीधे नालियों के माध्यम से खारून नदी में मिलता था. अब सीवरेज प्लांट के सहायता से उसे साफ किया जाएगा, जिसके बाद खारून नदी में साफ पानी को छोड़ा जाएगा."

रायपुर में एसटीपी प्लांट बनकर तैयार

नदी का साफ पानी खारुन में छोड़ा जाएगा: एसटीपी प्लांट में नाली का पानी साफ होकर खारुन नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे नदी में प्रदूषण भी कम होगा. इस विषय में आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, "अभी हमारे तीन एसटीपी प्रमुख रूप से चल रहे हैं. हमारा प्रमुख एसटीपी निमोरा, कारा और चदनीडीह का है. निमोरा में 90 एमएलडी, कारा में 35 एमएलडी और चदनीडीह 75 एमएलडी है. तीनों प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. शहर का गंदा पानी जो खारून नदी में डायरेक्ट जाया करता था, जिससे नदी प्रदूषित होती थी. अब वह ट्रीटमेंट होगा और ट्रीटमेंट के बाद अब साफ पानी नदी में जाएगा. जिससे नदी का जलस्तर भी अच्छा होगा और नदी का पानी भी अच्छा होगा. नदी का पानी का उपयोग, जो दूसरे चीजों के लिए भी किया जाता था. वह किया जा सकेगा."

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छोटे और बड़े नालों की निगरानी: नगर निगम अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने बताया, "मानसून ने शहर में जलभराव की स्थिति ना हो, इसके लिए पहले से ही सभी जोन अधिकारियों की बैठक ली गई है. सभी अधिकारी कर्मचारियों को जलभराव लेकर अवगत कराया गया है. शहर के सभी बड़े नालों की सफाई की जा रही है. सभी बड़े नालों के जो डेट एंड है. जहां पानी का अंतिम डिस्पोजल होता है और जो बड़े नाले हैं... जैसे चिंगरी नाला, जब्बार नाला, सूखा नाला, छोकरा नाला, जिसमें शहर का सभी छोटे नाली के पानी गिरता है."

बारिश के पहले सभी छोटे बड़े नालों की सफाई:आयुक्त ने बताया, "शहर के सभी बड़े नाले का पानी खारून नदी में गिरता है. जिससे खारून नदी प्रदूषित होती थी. वहीं, आसपास के लोगों को भी काफी परेशानी होती थी, जो खारून नदी के पानी को अन्य काम में इस्तेमाल करते थे. बारिश के पहले सभी नालों की सफाई की जा चुकी है. अभी भी शहर के लगातार छोटे-बड़े सभी नालों की सफाई जारी है. हमने सभी जोन को अतिरिक्त स्वीकृतियां भी दी है. ताकि समय रहते सारे काम अपने पूरे कर लें."

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