रायपुर: कोरोना संक्रमण दौर के बाद धीरे-धीरे सभी सेक्टरों में तेजी आ रही है. लेकिन स्कूल और शिक्षण संस्थान अब भी बंद स्थिति में हैं. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अबतक स्कूल और कॉलेजों को खोलने की इजाजत नहीं दी है. इसके अलावा हजारों की संख्या में कोचिंग संस्थानों में भी ताले लटके हैं. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी की दुकान पर देखने को मिल रहा है. स्टेशनरी, बुक डिपो और लाइब्रेरी जैसे व्यापार की रौनक गायब हो गई है. बुक डिपो संचालकों का कहना है कि स्टेशनरी व्यापार में 60% की गिरावट दर्ज की गई है.
राजधानी रायपुर में लगभग 8 लाइब्रेरी हैं. जहां पर लोग प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ अन्य दूसरी पुस्तकें पढ़ा करते थे. लेकिन लाइब्रेरी के बंद हो जाने से लाइब्रेरी वीरान है. कोरोना की वजह से स्कूल कॉलेज और लाइब्रेरी मार्च महीने से बंद कर दी गई है. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी पर पड़ा है.
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कम हुई किताबों की मांग
राजधानी के बुक डिपो और स्टेशनरी के संचालकों से ETV भारत ने बात की है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों पर लोग बुक खरीदने कम आते हैं, बल्कि लोग घर पर पड़ी पुरानी और रद्दी किताबों को बेचने के लिए स्टेशनरी पहुंच रहे हैं. कोरोना की वजह से सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बच्चे ऑनलाइन क्लास ज्वाइन कर रहे हैं. ऐसे में इन्हें स्टेशनरी और बुक्स की जरूरत कम पड़ती है.
किताब की बिक्री हुई कम