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FIR लिखने के लिए घूस लेने के आरोप में थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक सस्पेंड

थाना प्रभारी उमेंद टंडन और एक प्रधान आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है. आवेदकों ने आरोप लगाया था कि कोतवाली प्रभारी उमेन्द्र टंडन ने सिर्फ एफआईआर करने के एवज में 30 हजार रुपये ले लिए थे.

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Published : Jun 25, 2019, 10:44 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 10:54 PM IST

भ्रष्टाचार के आरोप में टीआई सस्पेंड

रायपुर: डीजीपी डीएम अवस्थी ने सीधी कार्रवाई करते हुए धमतरी के कोतवाली थाना प्रभारी उमेंद टंडन और एक प्रधान आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है.

थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक सस्पेंड

बताया जा रहा है कि धमतरी में चिटफंड कंपनी चलाने वाली फर्म महानदी एडवाइजरी के निवेशकों को उनकी रकम तय समय पर नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने इस फर्म के खिलाफ सिटी कोतवाली में शिकायत करने का फैसला किया था, लेकिन आवेदकों ने आरोप लगाया था कि कोतवाली प्रभारी उमेन्द्र टंडन ने सिर्फ एफआईआर करने के एवज में 30 हजार रुपये ले लिए थे, लेकिन उसके बाद भी महानदी एडवाइजरी के कर्मचारियो पर कार्रवाई नहीं की गई.

थाना प्रभारी और आरक्षक हुए निलंबित
इस पूरे मामले की शिकायत सीधे गृह मंत्री से की गई. इसके बाद गृह मंत्री ने मामले में रिपोर्ट तलब की. इसके बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने थाना प्रभारी उमेंद टंडन और प्रधान आरक्षक उत्तम निषाद को निलंबित कर दिया है.

5 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ की गई थी कार्रवाई
बता दें कि हाल ही में अवैध वसूली की शिकायत पर यातायात प्रभारी सहित 5 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ आईजी आनंद छाबड़ा ने निलंबन की कार्रवाई की थी. एक ही सप्ताह में भ्रष्टाचार के कलंक के साथ धमतरी पुलिस लगातार दूसरी बार प्रदेश में बदनाम हो चुकी है.

Last Updated : Jun 25, 2019, 10:54 PM IST

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