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राज गीत 'अरपा पैरी के धार' का हुआ राजपत्र में प्रकाशन, शासकीय कार्यक्रमों में गाने के निर्देश जारी - नरेंद्र देव वर्मा द्वारा लिखित गीत

राज गीत 'अरपा पैरी के धार...' को राज पत्र में प्रकाशित कर दिया गया है. इस गीत को राज्य के सभी शासकीय दफ्तरों में प्राथमिकता से गाए जाने निर्देश दिए हैं.

राजपत्र में प्रकाशित राजगीत

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Published : Nov 20, 2019, 6:43 PM IST

रायपुर:राज्य शासन ने डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार...' को राजगीत घोषित किया गया है. 18 नवंबर को इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है.

अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही राजगीत प्रभावी हो गई है. छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव आरपी राठिया ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. राज्य शासन के सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर छत्तीसगढ़ राजगीत का गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों शुरू करने का निर्देश दिया है.

राजपत्र में प्रकाशित राजगीत

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भूपेश कैबिनेट में लगा राजगीत का मुहर

गौरतलब है कि नरेंद्र देव वर्मा द्वारा लिखित गीत 'अरपा पैरी के धार...' को राजगीत बनाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट में मुहर लगा चुके हैं.

ये है राजगीत-
‘‘अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइंया ।
महूं पांव परंव तोर भुइंया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अंचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मंउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियां,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियां,
नांदगांवे नवा करधनियां
( महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )

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