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फल की कीमतों में स्थिरता ने बढ़ाई उत्पादकों और व्यापारियों की चिंता

बीते साल कोरोना के कारण बाजार पूरी तरह से बंद था, इसके कारण फल व्यवसायियों के साथ फल उत्पादकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. हालात इस साल भी ठीक नहीं दिख रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फल दुकानें तो खुल गई है, लेकिन कुछ मौसमी फलों को बाजार नहीं मिल रहा है.

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Published : Feb 8, 2021, 10:25 PM IST

fruit prices in chhattisgarh
फल की कीमतों में स्थिरता

रायपुर: सर्दियों में मिलने वाले फलों की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है. हालांकि संतरे की कीमत में थोड़ी तेजी देखी गई है. इसका कारण इसे अभी नया होना बताया जा रहा है. बीते साल कोरोना के कारण बाजार पूरी तरह से बंद था, इसके कारण फल व्यवसायियों के साथ फल उत्पादकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. हालात इस साल भी ठीक नहीं दिख रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फल दुकानें तो खुल गई है, लेकिन कुछ मौसमी फलों को बाजार नहीं मिल रहा है, जिसके कारण एक बार फिर फल उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

फल की कीमतों में स्थिरता ने बढ़ाई चिंता

फल व्यवसायियों के मुताबिक लॉकडाउन के वक्त छत्तीसगढ़ के किसानों को मार्च में आंवला, केला, पपीता और आम जैसे फलों के लिए मार्केट नहीं मिला था. जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा था. सरकार की तरफ से इन किसानों को किसी तरह की कोई सहायता राशि भी नहीं दी गई थी. हालांकि किसानों को अपना उत्पाद बेचने को छूट दी गई थी, लेकिन सब बंद होने के कारण किसानों को बाजार नहीं मिल पाया था.

फल की कीमतों में स्थिरता

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फलों के दामों में स्थिरता

राजधानी के खुदरा फल विक्रेता बताते हैं, फलों के दाम में किसी तरह का उतार चढ़ाव नहीं आया है. संतरा नई फसल होने के कारण इसके दाम में थोड़ी तेजी आई है. अन्य फलों के दाम लगभग बराबर है. मांग के मुताबिक फलों के दाम में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव आते रहता है. राजधानी रायपुर के देवपुरी के थोक फल मार्केट के व्यापारी का कहना है कि अन्य फलों की तुलना में संतरे के दाम में थोक में लगभग 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. रायपुर में संतरे की एक पेटी 800 से लेकर 1000 रुपये तक, काले अंगूर की पेटी 700 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक, कश्मीरी सेब की पेटी की कीमत 1100 रुपए और मौसंबी 750 रुपए प्रति पेटी है. शिमला सेव 2300 से लेकर 3000 रुपए तक बिक रहा है. अनानास के एक पीस की कीमत 35 से लेकर 60 रुपए तक है. बेर 20 से 30 रुपए प्रति किलो है. लोकल पपीता 16 से 25 रुपए किलो बिक रहा है.

इस साल किसानों को नहीं होगा कोई नफा नुकसान

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक घनश्याम साहू का कहना है कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जैसे ठंडे स्थान में किसान केला, पपीता, स्ट्रॉबेरी, शहतूत, बेर, सीताफल, चीकू, अमरूद के साथ ही नाशपति और सेव की खेती करते हैं. इस बार किसानों को किसी तरह का कोई नफा नुकसान नहीं हुआ है. फलों के दाम में भी पिछले सालों के मुकाबले कोई खास अंतर नहीं आया है.

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