रायपुर :'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा’...शहीदों की यही निशानियां राजधानी में शहीद वाटिका में सांस ले रही हैं. वाटिका में एक शिला पर छत्तीसगढ़ में नक्लसियों से लोहा लेकर अपनी जान गंवाने वाले जवानों का नाम इस पर उकेर दिया जाता है. दुख इस बात का है कि कोई साल ऐसा नहीं बीतता, जब इस लिस्ट में नया नाम न जुड़ता हो.
दर्द एक, दास्तां अनेक: इस वाटिका में मौजूद हैं वो नाम, जो वतन पर हुए कुर्बान - raipur
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े ताड़मेटला नक्सली हमले को कौन भूल सकता है. इस दर्दनाक हमले में 76 जवान देश के लिए शहीद हो गए थे. ये जवान भले आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन ये हमेशा अमर रहेंगे. रायपुर के शहीद वाटिका के शिलाओं में नक्सल हमले में शहीद हुए जवानों को उकेर दिया जाता है.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेते हुए सैकड़ों जवानों ने अपनी न्योछावर की है. इनमें से कई देश के अलग-अलग राज्यों के थे, तो कई छत्तीसगढ़ के. जो जवान नक्सली हिंसा में शहीद होते हैं, उनका नाम इस शिला पर उकेर दिया जाता है. ताड़मेटला नक्सली हमले में शहीद हुए 76 जवानों के नाम इस शिला पर उकेरे गए हैं.
ताड़मेटला नक्सली हमले के 10 साल पूरे होने पर हम इस वाटिका पहुंचे. इस शिला पर नजर जाते ही आपकी रूह कांपेगी, सवाल पूछेगी कि क्या मिला इस संघर्ष से, जिसमें हजारों जवानों ने जान गंवा दी. आपकी आंखें भर आएंगी जब ताड़मेटला के शहीदों के नाम पढ़ता हुए आप और आपकी ऊंगलियां कई शिलाओं से गुजरेंगी. एक साथ 76 घरों का दर्द आप अपने अंदर महसूस करेंगे. एक साथ 76 अर्थियों का बोझ आपको कंधे पर महसूस होगा. उस दर्द में शायह आपके मुंह से जय हिंद भी न निकल पाए...आप सिर्फ महसूस करके रह जाएं.