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SPECIAL : 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार? - news about bhupesh baghel

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ यानी नए तरीके से छत्तीसगढ़ के निर्माण का नारा देकर ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने तमाम योजनाओं को लांच करते हुए काम किया है. छत्तीसगढ़ी अस्मिता और संस्कृति को बचाने के संकल्प के साथ किए जा रहे काम को लेकर अभियान तो काफी शुरू किए गए हैं लेकिन ग्रामीण परिवेश के साथ ही शहरी व्यवस्थाओं को भी ट्रैक पर लाना सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं है.

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'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

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Published : Dec 20, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 4:53 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूरे हो गए हैं. 15 साल के वनवास के बाद 17 दिसंबर 2018 को भूपेश बघेल और उनकी टीम ने एक नए सफर की शुरुआत की थी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पदभार ग्रहण करते ही 2 घंटे के भीतर किसानों की कर्जमाफी की कारवाई पूरी की थी. 18 लाख किसानों के 9000 करोड़ के अल्पकालीन ऋण माफ किए. जलकर के रूप में 18 लाख किसानों का 244 करोड़ रुपए का कर्ज भी माफ किया था.

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया लोगों की अपनी सरकार है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए आमूलचूल परिवर्तन कर काम किया जा रहा है. उनका दावा है कि राज्य सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे के साथ छत्तीसगढ़ को नई दिशा में आगे ले जा रही है.

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

राज्य सरकार की योजना

  • गोधन न्याय योजना
  • किसानों का कर्जा माफी
  • 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी
  • जमीन वापसी
  • बिजली बिल हाफ
  • गोधन न्याय योजना
  • नरवा गरुवा घुरवा बाड़ी

2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी

छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जा रही है. केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद भी राज्य सरकार बीच का रास्ता निकालते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों के अंतर की राशि का भुगतान कर रही है.

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

टाटा से किसानों की जमीन को दिलाया वापस

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए 2008 में 10 गांव के 1700 से ज्यादा किसानों की 5000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी. लंबे समय से प्लांट नहीं लगने के बाद भी किसानों को उनकी जमीन वापस नहीं की गई. भूपेश सरकार ने किसानों को वापस उनकी जमीन का मालिक बनाया.

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बिजली बिल हाफ

छत्तीसगढ़ में 1 मार्च 2019 से बिजली बिल हाफ कर दिया गया है. घरेलू उपभोक्ताओं को भी 400 यूनिट तक की टैरिफ पर 50%तक की बिजली हाफ की जा रही है. इस योजना से 38 लाख 42 हजार उपभोक्ताओं को 1336 करोड़ की सब्सिडी दी गई है. कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए बिजली बिल हाफ करने का वादा किया था. इस वादे को घोषणापत्र में भी शामिल किया गया था.

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

राम वनगमन पथ पर काम

सरकार ने राम वन गमन परिपथ को एक पर्यटन सर्किट के रूप में डेवलप करने के लिए प्लान बनाया है. पहले चरण में 9 जगह सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंद्रपुर, राजिम, सिहावा और रामाराम का चयन किया गया है. इनको डेवलप करने के लिए 137 करोड़ रुपए का प्लान बनाया गया है. चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर को भव्य और आकर्षक तरीके से बनाने के लिए भी बड़ी प्लानिंग की गई है.

सुपोषण अभियान

छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 से सुपोषण अभियान शुरु हुआ है. राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में 5 साल से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष के 45% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं. कुपोषित बच्चों में ज्यादातर आदिवासी और वनांचल इलाकों से थे. राज्य सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की है. इस योजना के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 4 लाख 96 हजार बच्चे कुपोषित थे. इनमें से 67 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं.

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नई औद्योगिक नीति

छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक नीति में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत रोबोटिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग उच्च प्राथमिकता श्रेणी में शामिल हैं. अकुशल श्रेणी में 100%, कुशल श्रेणी में 70% और प्रशासकीय प्रबंध की श्रेणी में न्यूनतम 40% रोजगार स्थानीय निवासियों को देने का प्रावधान भी किया गया है.

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, कितना साकार?

गोधन न्याय योजना

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पशुओं की देखभाल और फसलों की सुरक्षा के लिए गोधन न्याय योजना शुरू की गई है. इसमें पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी भी की जा रही है. यह देश में अपनी तरह की अलग योजना है. गौठान बनाकर उन्हें आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. 1 करोड़ 36 लाख गोबर विक्रेताओं को 59 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया है.

गौधन योजना

पारंपरिक व्यंजनों को भी दी नहीं पहचान

छत्तीसगढ़ सरकार ने कला-संस्कृति के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों को भी पहचान दिलाने की पहल की है. छत्तीसगढ़ी खानपान और व्यंजन विक्रय केंद्र गढ़ कलेवा छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में शुरू करने का काम किया जा रहा है. स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह को प्रशिक्षित कर गढ़ कलेवा का संचालन किया जा रहा है. इससे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों को पहचान मिल रही है. लोगों को सस्ते दर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन मिल रहे हैं. महिला समूह के जरिए स्व-रोजगार के लिए एक बड़ी पहल भी हो रही है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हुआ काम

वरिष्ठ पत्रकार के एन किशोर कहते हैं कि कांग्रेसी सरकार ने छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी और गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ जैसे स्लोगन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अभियान चला रही है. ऐसी योजनाएं सही तरीके से इंप्लीमेंट हों तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिल सकती है.

जो कहा वह नहीं किया: विपक्ष

छत्तीसगढ़ में सरकार के 2 साल पूरे होने को लेकर राज्य सरकार के तमाम दावे हैं लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरने में कमी नहीं की है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि भूपेश सरकार कहती है कि 'जो कहा वो किया' लेकिन उनका आरोप है कि 'जो जो कहा है वह नहीं किया' और 'जो जो नहीं कहा वह सब कर रहे हैं' शराबबंदी करेंगे कहा था लेकिन शराबबंदी नहीं की गई. 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं का कर्जा माफ करने का वादा भी पूरा नहीं किया. शराबबंदी तो दूर की बात है, छत्तीसगढ़ सरकार ने घर-घर तक शराब पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया है.

अब भी कम नहीं हैं चुनौतियां

आने वाले महीनों में भूपेश बघेल और उनकी टीम की काम करके दिखाने की क्षमता की परीक्षा होगी. गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, कुपोषण और नक्सलवाद ऐसी बड़ी समस्याएं हैं, जिसे दूर किए बिना छत्तीसगढ़ विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है. उम्मीदें बनी हुईं हैं और चुनौती भी बरकरार है. शिक्षा, रोजगार पर बेहतर काम होगा तो गरीबी भी मिटेगी और लोगों की आर्थिक हालत में सुधार होने से कुपोषण की खराब स्थिति में भी बदलाव होगा. सभी क्षेत्रों में दूरगामी सोच के साथ जनहित की नीति को आगे बढ़ाने से छत्तीसगढ़ की जनता का भला होगा.

Last Updated : Dec 20, 2020, 4:53 PM IST

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