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Aastha Mangodi And Cafe Center: यहां दूर-दूर से लोग आते हैं कैदियों के हाथों से बने खाने का लुफ्त उठाने

केंद्रीय जेल परिसर (Central Jail Complex) स्थित 'आस्था मंगोड़ी एवं कैफे सेंटर' (Aastha Mangodi And Cafe Center) में हाथ से बनी मंगोड़ी खाने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. जानिए इस कैफे की खासियत....

aastha mangodi
आस्था मंगोड़ी एवं कैफे सेंटर

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Published : Oct 20, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 11:59 AM IST

रायपुर: यूं तो रायपुर (Raipur) में खाने पीने के लिए एक कई होटल (Hotel) और रेस्टोरेंट फेमस (Restaurant Famous) है. लेकिन केंद्रीय जेल परिसर स्थित (Central Jail Complex) 'आस्था मंगोड़ी एवं कैफे सेंटर' (Aastha Mangodi And Cafe Center) की बात ही कुछ और है. यहां दूर-दूर से लोग मंगोड़ी सहित अन्य खाने-पीने (Food) की चीजों का स्वाद (Test) चखने आते हैं. इन खाने का स्वाद भी ऐसा है कि, जो एक बार खाए, वह बार-बार आए. साथ ही यहां की साफ-सफाई भी काफी मायने रखती है. एक शांत वातावरण, साफ-सुथरा माहौल और टेस्टी नाश्ते (Testy Food) का स्वाद यहां आने वालों को लुभाता है.

आस्था मंगोड़ी एवं कैफे सेंटर

साफ सफाई का रखा जाता है पूरा ध्यान

इतना ही नहीं यहां साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. सबसे खास बात तो ये है कि इस नाश्ते को बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि जेल के ही कैदी (prisoner) हैं. जो अपने हुनर से इस नाश्ते को इतना टेस्टी बनाते हैं कि खाने वाला उंगलियां चाटता रह जाता है. बताया जा रहा है कि ये वो कैदी हैं जो विभिन्न अपराधों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. इस पूरे सेंटर का संचालन इन कैदियों के हाथों में होता है. यह कैदी ही सुबह से लेकर शाम तक नाश्ता बनाने से लेकर यहां की सारी व्यवस्थाएं संभालते हैं.

यही रहकर कैदियों ने सीखा खाना बनाना

वहीं, इस विषय में जब ईटीवी भारत ने रसोईया कैदी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वे जेल में रहकर ही नाश्ता बनाना सीखे हैं. सुबह 6 बजे से वो इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं. लोगों के नाश्ते की हर आइटम को ये ग्राहकों के सामने पेश करते हैं. वहीं, इनके द्वारा यहां मंगोड़ी, जलेबी, समोसा, आलू चाप, मिर्ची भजिया, बालूशाही, नमकीन सहित कई प्रकार के नाश्ते तैयार किए जाते हैं. कई लोग तो इन खानों को पैक कराकर घर भी ले जाते हैं.

बच्चे भी है इनके स्वाद के दिवाने

वहीं, इस विषय में ग्राहकों का कहना है कि यहां पर उन्हें साफ-सुथरा माहौल मिलता है. शांत वातावरण मिलता है और यहां के नाश्ते का टेस्ट तो लाजवाब है.कम कीमत में इतना स्वादिष्ट नाश्ता शायद ही रायपुर में कहीं और मिलता हो. यही वजह है कि दूर-दूर से लोग यहां नाश्ता करने आते हैं. लोगों का कहना है कि बड़ी-बड़ी रेस्टोरेंट और होटलों में भी ऐसी मंगोड़ी और जलेबी नहीं मिलती, जो इस जगह पर मिलती है. यही कारण है कि यहां बूढ़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी कैदियों के हाथ के बने खाने के मुरीद हो गये हैं.

कुल 6 बंदी करते हैं काम

इधर, सेंटर की व्यवस्था देखने वाले जेल कर्मी का कहना है कि यहां पर कुल 6 बंदी सुबह से लेकर शाम तक काम करते हैं. उनके उपर ही नाश्ते का कच्चा सामान तैयार करने से लेकर ग्राहकों तक नाश्ता पहुंचाने तक की जवाबदारी होती है. यहां की साफ-सफाई का जिम्मा भी इन्हीं लोगों के ऊपर होता है.

कम कीमत में उपलब्ध है सारी चीजें

इस विषय में ईटीवी से बातचीत के दौरान सेंटर कर्मी ने बताया कि यहां प्रति माह लगभग साढ़े तीन से चार लाख की बिक्री होती है. हालांकि उनका यह भी कहना है कि यहां नाश्ते का दाम जो कोरोना कॉल के पहले था वही आज भी बरकरार है. जबकि महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है. बावजूद इसके नाश्ते का दाम नहीं बढ़ाया गया, क्योंकि यह लाभ के लिए नहीं बल्कि सेवा भाव के लिए काम किया जा रहा है.

बता दें कि जेल परिसर स्थित आस्था मंगोड़ी एवं कैफे सेंटर सिर्फ रायपुर में ही नहीं बल्कि बाहर भी प्रसिद्ध हैं. जब भी लोग बाहर से रायपुर आते हैं, तो यहां के नाश्ते का स्वाद चखते हैं.

Last Updated : Oct 21, 2021, 11:59 AM IST

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