रायपुर:कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में 4 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं, वहीं 6 का इलाज जारी है. इस क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने बहुत ही सराहनीय काम किया है. विभाग के डॉक्टर पूरा दिन अस्पतालों में तैनात होकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.
इस बीच कोरोना को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं, ETV भारत ने डॉक्टर राकेश गुप्ता से कोरोना को लेकर चल रही अफवाहों और बातों को लेकर चर्चा की.
जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर-
प्रश्न- स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर कैसा काम किया?
कोरोना संक्रमण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ सभी विभागों ने मिलकर बहुत की अनुकरणीय काम किया है. सभी विभागों से सामंजस्य बैठाकर कोरोना से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ ने एक उदाहरण पेश किया है.
प्रश्न- कई विशेषज्ञों ने दावा किया है कि एलोपैथिक की जगह हमें मौका मिलना चाहिए था आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों से कोरोना वायरस ठीक हो सकता है?
साइंटिफिक प्रूफ चीजों पर ही मेडिकल साइंस भरोसा करता है. सबका अलग-अलग पैथी में विश्वास होता है, लेकिन इस तरह की आपदा की स्थिति में प्रूफ्ड पैथी न हो तो उसका इस्तेमाल करना इस समय तो उचित नहीं होगा.
प्रश्न- कोरोना में कुछ मरीजों में लक्षण नहीं सामने आए हैं, ऐसे लोग खुद को कैसे बचाएं ?
ऐसे केस में अनुभव काम आता है ये डॉक्टरों के लिए भी एक स्टडी है, जिसमें फिर से सभी चीजों को पढ़ने की जरूरत है. ये सभी के लिए एक अनुभव ही है. हम लक्षणों को आधारित कर प्रणाली विकसित नहीं करेंगे तो पीछे रह जाएंगे. कुछ मरीज तो ऐसे सामने आए, जिनमें लक्षण ही नजर नहीं आए थे,लेकिन संदेह के तौर पर उनकी जांच की गई थी. यही कारण है की छत्तीसगढ़ संक्रमण को रोकने में कामयाब रहा.
प्रश्न- निजामुद्दीन मरकज से आए लोग अपनी पहचान नहीं बता रहे हैं, ये परेशानी कितनी बढ़ सकती है?
पूरा देश परीक्षाकाल के दौर से गुजर रहा है. अब गलतियों को दोहराने का समय नहीं है. ऐसे लोग समाज से और अपने परिवार के साथ खेल रहे हैं, जो लोग संदेही हैं वे आकर अपना परीक्षण कराएं.
प्रश्न- एक ये भी अपवाह है कि AC न लगाएं इससे संक्रमण फैलता है?