छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Raipur latest news : औद्यौगिक विकास सोण्डुरा गांव के लिए बना काल, बच्चे बूढ़े बीमारियों का शिकार - धरसींवा विधानसभा का सोण्डरा गांव

साल 2000 में राजधानी बनने के बाद रायपुर के ग्रामीणों इलाको में औद्योगिक इकाइयों का भी निर्माण किया गया था. इन ईकाइयों का उद्देश्य विकास के साथ स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार देना था. लेकिन आज के समय में यह ग्राम वासियों के परेशानी का सबब बन गया Sondra Village destroyed due to factory है. आलम ये है कि जिन गांवों में लोग सुख शांति और ताजी हवा तलाशते थे वहां गंदगी,राख और काले धुएं ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया children and old people suffering from diseases है.Raipur latest news

factory became a source of trouble for the villagers
फैक्ट्री ग्रामीणों के लिए बनीं परेशानी का सबब

By

Published : Dec 21, 2022, 12:34 AM IST

फैक्ट्री ग्रामीणों के लिए बनीं परेशानी का सबब

रायपुर : धरसींवा विधानसभा का सोण्डरा गांव Sondra village of Dharsinwa assembly को आज प्रदूषण ने जकड़ लिया है, गांव के आस पास लगें उद्योगों से निकलने वाले काले धुएं के के कारण पर्यावरण प्रदूषित होने लगा है. प्रदूषण की वजह से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर कई दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं. ग्रामीण इलाके में काला धुआं इतना फैल गया है कि घर की छतों से लेकर पेड़ पौधे और तालाब पर भी काले धुंए का साया देखने को मिल रहा Sondra Village destroyed due to factory है. प्रदूषण की वजह से ग्रामीण चर्म रोग और अस्थमा जैसी बीमारियां से जूझ रहे है. ईटीवी भारत ने सोण्डरा गांव का जायजा लिया.Raipur latest news



ग्रामीणों में प्रदूषण का असर :गांव की पूर्णिमा गोस्वामी ने बताया " प्रदूषण के चलते बच्चों को स्क्रीन प्रॉब्लम हो रही है, पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि बाल झड़ने की समस्या भी अब उत्पन्न हो गई है, घर में कोई भी चीज अगर बनाई जाए तो उसे खुला नहीं रखा जा सकता, रोजाना दो से तीन बार झाड़ू लगाई जा रही है इसके बावजूद भी प्रदूषण इतना रहता है कि वह फिर से गंदा हो जाता children and old people suffering from diseases है.''



बुजुर्गों को अस्थमा और कमजोरी : गांव के बुजुर्ग युगल प्रसाद शर्मा ने बताया कि " मुझे प्रदूषण के कारण सांस की बीमारी हो गई है, शारीरिक कमजोरी हो गई है. गांव में 99% प्रदूषण है लेकिन शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाई नहीं की जाती.''

शिकायत के बाद भी करवाई नहीं :गांव की पंच राधा साहू ने बताया कि " प्रदूषण का असर ज्यादातर छोटे बच्चों को हो रहा, बच्चों को चर्म रोग के साथ खुजली ,फुंसी की बीमारी हो रही है,घर अगर खाने के समान बनाकर उन्हें धूप में सुखाने रखते है तो उसमें प्रदूषण की परत जम जती है, पानी और तालाब में भी प्रदूषण के कारण काला हो जाता है, कई बार इस संबंध में शिकायत की गई लेकिन हमारी समस्याओं को सुना जाता है और दूसरे कान से निकाल दिया जाता है.''

इलाज करवाने पर भी नहीं मिल रही राहत :गांव की पंच संतोषी गोस्वामी ने बताया कि ''फैक्ट्री के द्वारा देर रात प्रदूषण युग में छोड़े जाते हैं .कई बार ग्रामीणों ने शिकायत की है . इसके बाद भी कोई कार्यवाई नहीं हो रही. धरना प्रदर्शन से लेकर सभी तरह विरोध किए गए हैं लेकिन ग्रामीणों की समस्या को कोई सुनने वाला नही है."'

घर जमीन बेचकर जाने की तैयारी :गांव के विनोद कुमार पांडेय ने बताया की प्रदूषण के कारण वे परेशान है " गाँव मे इतना प्रदूषण हो गया है कि हर 2 घण्टे में घर को साफ करना पड़ता है, प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ और दमा की शिकायत भी है ,मेरी बेटी के हाथों में चर्म रोग हो गया है,जनप्रतिनिधि नेता भी फैक्ट्री वालो के खिलाफ कुछ नही बोलते है. प्रदूषण के कारण यहां जीना दूभर हो गया है, मैं अपनी जमीन जायदाद बेचकर जाने की तैयारी में है..

ग्रामीण को नही मिल रहा रोजगारविश्व कुमार पांडेय ने बताया कि " गांव के आसपास फैक्ट्रियां तो है लेकिन यहां के लोगों को रोजगार भी नहीं, फैक्ट्री ने जमीन लेते समय कहा था की स्थानीय लोगो को रोजगार देंगे लेकिन स्थानीय लोगो को नौकरी नही दी जा रही, ज्यादातर फैक्ट्री में अन्य प्रदेश के लोगो को रखा गया है.''

क्या है ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर का कहना :गांव में स्थित स्वास्थ्य केंद्र के डॉ बिन्दू ध्रुव का कहना है कि '' गांव में पहले स्किन प्रॉब्लम के रोग जल्दी ठीक हो जाते थे लेकिन आज के समय में ग्रामीणों को चर्म रोग की समस्या ज्यादा हो रहे हैं, लगातार पेशेंट बार-बार आ रहे हैं और उनकी बीमारी ठीक नही हों रही है, स्वास्थ्य केंद्र में कफ कोल्ड के भी ज्यादा मरीज आते हैं.''

ये भी पढ़ें- कुम्हारी फ्लाईओव्हर हादसे में बची बच्ची का खर्चा उठाएगी भूपेश सरकार

फैक्ट्री की मनमानी से गांव का हो रहा अंत :आयुर्वेदिक ग्राम घोषित सोण्डरा गांव आज प्रदूषण की जद में इस तरह जकड़ गया है कि यहां के पेड़ पौधे और निवासी बेहद परेशान हैं. फैक्ट्रियों की मनमानी के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है. शिकायत के बावजूद भी इस ओर कार्यवाई नहीं हो रही है, आने वाले दिनों में अगर सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदूषण का यह दंश भारी ग्रामीणों पर भारी पड़ सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details