रायपुर: शिव के भक्तों के लिए सोम प्रदोष का व्रत एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है. आज के दिन भगवान शिव के लिए व्रत उपवास और साधना करना बहुत सिद्ध माना जाता है. इस दिन सुबह में सूर्य उदय से पहले स्नान कर भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए. ओम नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र, शिव संकल्प मंत्र, नमस्कार मंत्र आदि मंत्रों के माध्यम से शिव की उपासना की जाती है पंचाक्षरी स्रोत रुद्राष्टकम मधुराष्टकम् शिव तांडव रुद्राष्टाध्याई आदि श्लोकों का उच्चारण कर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जा सकती है.
सोम प्रदोष व्रत 2022: सोम प्रदोष व्रत पर बन रहा शुभ योग, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा - Auspicious yoga on Pradosh vrat
सोम प्रदोष व्रत पर शुभ योग बन रहा है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. जानिए कैसे भगवान भोलेनाथ की पूजा इस व्रत के दिन करनी चाहिए.
प्रदोष व्रत पर बन रहा शुभ योग
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि आज के शुभ दिन, गंगा के जल, नर्मदा जल एवं विभिन्न नदियों के शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करने का विधान है. दूध गन्ने के रस शहद पंचामृत पंचगव्य आदि पदार्थों से भी रूद्र का अभिषेक किया जाता है. आज के शुभ दिन पुष्य नक्षत्र का भी प्रभाव रहेगा. पुष्य नक्षत्र में पूजा पाठ करना बहुत ही शुभ रहेगा. सुबह 11:52 से पुष्य नक्षत्र का प्रभाव शुरू हो जाएगा. यह सोम प्रदोष व्रत की गरिमा को और बढ़ा रहा है. आज के शुभ दिन पुनर्वसु पुष्य नक्षत्र आयुष्मान और धूम्र योग कौलव और तैतिल करण सोमवार का शुभ प्रभाव पड़ रहा है. यह पर्व कल पादी श्री विश्वकर्मा जयंती रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के प्रभाव से विभूषित है.
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भगवान शिव की पूजा करने से दूर होंगे सारे कष्ट
पुष्य नक्षत्र और सोम प्रदोष का सहयोग शिव भक्तों के लिए एक तरह से वरदान है. आज के दिन शिव के लिए व्रत करना उपवास रखना, ईश्वर के समीप ले जाता है. इस व्रत का पारण दूसरे दिन अर्थात 15 फरवरी को सूर्योदय के उपरांत करना ठीक रहेगा. शिव भक्तों के लिए प्रातः काल 9:16 से 10:39 तक शुभ चौघड़िया का प्रभाव रहेगा. इस समय पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है. इसी तरह सूर्यास्त से 72 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 72 मिनट के बाद का काल प्रदोष काल माना जाता है. यह प्रदोष काल शाम 4:46 से लेकर शाम 7:10 तक रहेगा. यह पूरी अवधि प्रदोष काल कहलाती है इस समय में शिव की उपासना, साधना करना बहुत ही कल्याणकारी माना गया है. प्रदोष काल के समय आराधना करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भोलेनाथ जी जीवन की समस्त बाधाओं को हरण कर लेते हैं. साथ ही मनुष्य की समस्त अभिलाषा भी पूर्ण हो जाती है