रायपुर: 10 जून यानि गुरुवार एक साथ कई अद्भुत संयोग और शुभ फल लेकर आया है. रोहिणी व्रत, वट सावित्री व्रत, अमावस्या, शनि जयंती इस दिन पड़ रही है. साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण भी 10 जून को लगेगा.
गुरुवार को वट सावित्री भी है. सुहागिनें हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री का व्रत (vat savitri vrat) रखती हैं. महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं. परिक्रमा करके वट सावित्री व्रत कथा सुनती हैं और पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं. बरगद को देव वृक्ष भी कहते हैं. कहते हैं बरगद के पेड़ पर त्रिदेव निवास करते हैं. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है. कथा है कि इस दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाई थीं.
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इन मंत्रों का करें जाप
वट सावित्री के दिन मंगल ग्रह पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस दिन भगवान शंकर का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक करना शुभ माना गया है. वट सावित्री के दिन शिव चालीसा का पाठ करना, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ के अलावा शिव पंचाक्षरी मंत्र (ॐ नम: शिवाय) का जाप करना विशिष्ट माना जाता है. सोम प्रदोष के दिन से वट वृक्ष की परिक्रमा शुरू कर दी जाती है. वट वृक्ष की परिक्रमा करने और पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मनाई जाएगी शनि जयंती
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है. भगवान की पूजा से सारे कष्ट दूर होते हैं.