रायपुर: दिवाली के दूसरे दिन यानी कि 25 अक्टूबर को इस बार सूर्य ग्रहण लग रहा है. इस ग्रहण को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा है. माना जाता है कि सूर्य ग्रहण लोगों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. ज्योतिषज्ञ की मानें तो ग्रहण लाभदायक भी होते हैं. बस उसके लिए कुछ उपाय और मंत्रों का जाप (measures to get benefit on solar eclipse) करना पड़ता है. अलग अलग राशि के लिए अलग अलग उपाय और मंत्र होते हैं. ऐसे में इस दिवाली के बाद पड़ने वाले सूर्य ग्रहण पर लोग अपनी राशि के अनुसार उपाय और मंत्र का जाप कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. जिससे उनके यहां धन वर्षा हो सकती है. solar eclipse 2022
सूर्य ग्रहण पर इन उपायों को अपनाएं कब लग रहा है ग्रहण: वैदिक पंचांग के अनुसार साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 लगने जा रहा है. इस दिन कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि है. यह सूर्यग्रहण भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य (अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, पूर्वी असम, पूर्वी मेघालय) को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा. पंचांग के मुताबिक सूर्य ग्रहण दोपहर को 02 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और शाम को 6 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्योदय के अनुसार कुछ स्थानों पर समय में थोड़ा अंतर हो सकता है. money remedies
जानिए कब से लगेगा सूतक: पंचांग के मुताबिक सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रहा है. सूर्य ग्रहण में सूतक 12 घंटे पहले से लग जाते हैं. इसलिए 24 अक्टूबर दिवाली की रात 2 बजकर 30 मिनट से सूर्य ग्रहण का सूतक आरंभ हो जाएगा.
ग्रहण का राशिफल:ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी का कहना है कि "इस बार लगने वाले सूर्यग्रहण की एक अच्छाई और एक बुराई दोनों हैं. ग्रहण की खासियत यह है कि उस दौरान मंत्र का जाप बड़ी आसानी से सिद्ध हो सकता है. लेकिन इस दौरान माला और मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए. इस बार आप ग्रहण पर खूब लाभ ले सकते हैं. यदि इस ग्रहण काल में आप बिना माला के महालक्ष्मी के मंत्र 'ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः' का जाप करते हैं, तो आप पर जबरदस्त धन लाभ हो सकता है. solar eclipse money remedies यह ग्रहण पूर्ण दृश्य है तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा. आइए जानते हैं पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से ग्रहण के दौरान राशि पर पड़ने वाले प्रभाव, दुष्प्रभाव और उससे निपटने के उपाय के बारे में...01. मेष - जीवनसाथी को कष्ट 02. वृष - कार्य में सिद्धि, व्यापार में लाभ 03 मिथुन - संतान को लेकर पीड़ा 04 कर्क - रोग, भय, शत्रु और ऋण चिंता 05. सिंह - आर्थिक लाभ के योग 06. कन्या - खचों में बढ़ोतरी 07. तुला - शारीरिक कष्ट और दुर्घटना के योग 08. वृश्चिक - धन की हानि और मानसिक तनाव 09. धनु - लाभ और प्रगति 10. मकर - सुख समृद्धि में वृद्धि 11. कुंभ - गुप्त चिंता 12. मीन - दुर्घटना का भय