रायपुर: नक्सल संगठन में काम करने वाली महिला नक्सलियों को तमाम तरह की परेशानियां झेलती पड़ती हैं. खास कर माहवारी का वक्त उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं. जंगलों के बीच शारीरिक परेशानियों से जूझती वे नक्सल मोर्चे पर तैनात रहती हैं. ऐसे में बस्तर में नक्सल समस्या के हल के लिए चलाए जा रहे ‘नई शांति प्रक्रिया’ अभियान के तहत इस दीवाली बेहद खास कदम उठाने की तैयारी की गई है.
इस दीवाली में महिला नक्सलियों को एक खास गिफ्ट भेजने की तैयारी की जा रही है. संगठन के लिए काम कर रही महिला नक्सलियों को इस साल दिवाली पर गिफ्ट के रूप में सैनेटरी पैड और सैनेटरी कप दिए जाएंगे. नक्सली इलाके में काम कर रहे लोगों का मानना है कि जंगल में नक्सलियों के साथ काम कर रही महिलाएं भी बहन-बेटी की तरह हैं. उनका मानना है कि ये महिलाएं मुख्यधारा से भटक गई हैं. शायद इस कदम से उनके मन में कुछ बदलाव हो.
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महिला फाइटर्स हैं नक्सलियों की रीढ़
नक्सल एक्सपर्ट मानते हैं कि बस्तर में सक्रिय नक्सली संगठन में करीब 50 फीसदी महिला नक्सली हैं. इन महिलाओं से कड़ा परिश्रम कराया जाता है. इन्हें लगातार कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता. जंगलों में बिना किसी सुविधा के रह रही इन महिलाओं माहवारी के दौरान बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस क्षेत्र में शांति के लिए लगातार काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी का कहना है कि अगर हम इन महिलाओं को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कदम आगे बढ़ाते हैं तो ये इस क्षेत्र के लिए बड़ी बात हो सकती है. और नक्सलियों के साथ जुड़ी महिलाओं से संबंध कायम हो सकता है.
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