रायपुर:इन दिनों पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला काफी देखने को मिल रहा है. कहीं न कहीं इसका कारण आधुनिकता के साथ-साथ तकनीक (Increase in divorce cases in Raipur) भी है. बात अगर रायपुर की करें तो इन दिनों यहां सोशल मीडिया को तलाक का कारण माना जा रहा है. आपस में कम और मोबाइल या फिर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अधिक बातचीत पती-पत्नी में दूरियां का मूल कारण (marriages falling apart in raipur) है. कई बार तो छोटी-छोटी बातें भी तलाक तक पहुंच जाती है. आलम यह है कि एक साल में जितनी शादियां होती है उतनी शादियां टूट भी जाती है.
40 फीसद मामले जाते हैं कोर्ट में: इस तरह मार्च 2022 तक 4019 मामले पेंडिंग हैं. पिछले 15 महीने की बात की जाए तो लगभग 2647 नए तलाक के मामले कोर्ट में पहुंचे हैं. रायपुर कोर्ट में लगभग प्रतिदिन पांच यानी कि महीने में डेढ़ सौ तलाक के मामले पहुंच रहे हैं. यह वे मामले हैं, जो कोर्ट तक पहुंचते हैं. जिनमें सुलह की गुंजाइश भी बरकरार है. ऐसे 40 फीसद मामले ही होते हैं, जबकि 60 फीसद मामलों में कोर्ट का दरवाजा ही नहीं खटखटाया जाता है.
प्रति महीने तलाक के लगभग डेढ़ सौ मामले कोर्ट पहुंच रहे हैं: तलाक के मामलों के जानकार एडवोकेट दिवाकर सिन्हा का कहना है कि रायपुर के फैमिली कोर्ट में प्रति महीने लगभग डेढ़ सौ आवेदन तलाक के लिए आते हैं, जो कि काफी बड़ी संख्या है.
सोशल मीडिया की वजह से हो रहे है तलाक:सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तलाक की अर्जी छोटी-मोटी मामूली बातों को लेकर आ रही है. इस बीच सोशल मीडिया में व्यस्त रहने के कारण भी पति-पत्नी एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं. वह भी तलाक की वजह बन रही है. दिवाकर सिन्हा बताते हैं कि उनके पास पहुंचने वाले तलाक के मामलों में जहां एक ओर पत्नी का कहना रहता है कि ऑफिस से आने के बाद भी उनके पति मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. उन्हें समय नहीं देते हैं