रायपुर :छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम के सामने एक पुरातन मंदिर है. जिसे यहां के लोग बैजनाथ मंदिर के नाम से जानते हैं.इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं. ऐसी मान्यता है कि मंदिर की स्थापना हैहयवंशी राजा ब्रम्हदेव के पुत्र राजा हाजीराज ने 1401 में की थी. प्राचीन काल में काफी बड़ा तालाब हुआ करता था.इसी तालाब के किनारे बड़े मंदिर को बनाया गया.धीरे-धीरे करके तालाब विलुप्त हो गया लेकिन मंदिर मौजूद रहा.आज भी ये मंदिर सैंकड़ों साल पुराने इतिहास का जीता जागता उदाहरण है.
दोनों समय होती है पूजा :इस मंदिर में दोनों समय पूजा होती है. सुबह 6 बजे मंदिर के द्वार खुलते हैं.इसके बाद साढ़े 7 बजे पहली आरती की जाती है. इसी तरह शाम 7.30 बजे संध्या आरती होती है. महाशिवरात्रि के मौके पर शिवलिंग का महाभिषेक किया जाता है.वहीं चैत्र और शारदीय नवरात्र में मन्दिर में ज्योति कलश स्थापित की जाती है.
मंदिर परिसर में दो मंदिर :मन्दिर के पुजारी केशवदास वैष्णव ने बताया " श्री बैजनाथ जी के अलावा मन्दिर परिसर में दो मन्दिर स्थापति हैं. जिनमें माता भवानी और भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित हैं. मन्दिर में श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. बैजनाथ मन्दिर के नाम से ही यहां के मोहल्ले का नाम बैजनाथपारा पड़ा है.प्राचीन काल में हैहयवंशी राजा हाजीराज ने अपने बेटे मालीराज के जन्म पर मन्दिर का निर्माण करवाया था.