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भूपेश सरकार ने इन मामलों में गठित की है SIT, जानें कहां तक पहुंची जांच की रफ्तार - RAIPUR

बीते 4 महीनों में कांग्रेस सरकार ने कई मामलों को लेकर एसआईटी गठित की है. इसमें झीरम नक्सली हमले से लेकर नान घोटाले और डीकेएस अस्पताल घोटाला शामिल है.

भूपेश सरकार ने इन मामलों में गठित की है SIT, जानें कहां तक पहुंची जांच की रफ्तार

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Published : Apr 20, 2019, 9:22 PM IST

Updated : Apr 20, 2019, 9:52 PM IST

रायपुरः राज्य में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. तीसरे चरण के मतदान 23 अप्रैल को होने जा रहे हैं. इधर, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने लगभग 4 महीने हो चुके हैं. इन 4 महीनों में कांग्रेस सरकार ने कई मामलों को लेकर एसआईटी गठित की है. इसमें झीरम नक्सली हमले से लेकर नान घोटाले और डीकेएस अस्पताल घोटाला शामिल है.

भूपेश सरकार ने इन मामलों में गठित की है SIT, जानें कहां तक पहुंची जांच की रफ्तार

झीरम कांड
कांग्रेस सरकार ने झीरम मामले में एसआईटी तो गठित कर दी है, लेकिन अब तक इसकी जांच में तेजी देखने को नहीं मिली है. राज्य सरकार ने इस मामले से संबंधित जानकारी और दस्तावेज एनआईए से मांगा है, लेकिन एनआईए ने अब तक कोई भी जानकारी राज्य सरकार को नहीं सौंपी है.

अंतागढ़ टेपकांड
अंतागढ़ टेप कांड मामले की बात की जाए, तो इसकी कार्यवाही सिर्फ पूछताछ तक ही सीमित है. मामले में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता को पहले ही जमानत मिल गई है.

डीकेएस अस्पताल घोटाला
इसके अलावा राज्य सरकार ने डीकेएस अस्पताल में गड़बड़ी को लेकर भी एसआईटी गठित की है, जिसमें मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता को बनाया गया है, लेकिन इसकी जांच भी धीमी गति से चल रही है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं. इसके लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.

नान घोटाला
राज्य सरकार ने नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की जांच के लिए भी एसआईटी गठित की गई है. सरकार की मानें तो नान में करीब 36 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है. मामले में गिरफ्तार किए गए अधिकारी के पास एक कथित डायरी मिली थी, जिसमें सीएम सर, डॉक्टर साहब जैसे नामों का उल्लेख किया गया है.

मामले को लेकर उस समय एंटी करप्शन ब्यूरो ने 27 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें से 16 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है. जबकि दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर कार्यवाही के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है. इन अधिकारियों के नाम आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा है.

फोन टैपिंग मामला
फोन टैपिंग मामले में भी जांच के लिए सरकार के द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है. इसमें मुख्य आरोपी आईपीएस मुकेश गुप्ता को बनाया गया है. इस मामले में भी जांच ठंडे बस्ते में है. पहले तो पुलिस ने इस मामले में मुकेश गुप्ता को फरार घोषित किया था, बाद में अब मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है.

मुद्दों से भटकाने के लिए की गई एसआईटी गठितः बीजेपी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किए अपने वादों को पूरा नहीं किया है, जिसके कारण अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुद्दे को भटकाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन लोगों को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा है.

जांच पूरी होने पर होंगे बड़े खुलासे- कांग्रेस
वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि सरकार द्वारा कई मामलों में एसआईटी का गठन कर लगातार कार्रवाई जारी है. एक के बाद एक नए आंकड़े सामने आते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है. जांच पूरी होने के बाद कई बड़े खुलासे होंगे.

'जांच के लिए समय सीमा हो निर्धारित'
वरिष्ठ पत्रकार रविकांत कौशिक की मानें तो सरकार ने कई एसआईटी गठित की है. इसमें कानूनी तरीके से कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. कानूनी प्रक्रिया में कई बार लंबा समय भी लग जाता है. यही वजह है कि एसआईटी जांच में अभी तक न तो किसी की गिरफ्तारी हुई है न ही कोई जांच रिपोर्ट सामने आई है.

Last Updated : Apr 20, 2019, 9:52 PM IST

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