कुमारी शैलजा की मीटिंग पर सिंहदेव का बयान रायपुर: सिंहदेव ने इस मीटिंग को लेकर क्या बोला. किन सवालों के जवाब दिए. किस तरह की बातें उन्होंने कहीं. आइए जानते हैं
सवाल:कुमारी शैलजा अचानक पहुंची और बैठक लिया, कौन कौन बैठक में शामिल रहे?
जवाब: कुमारी शैलजा, सीएम भूपेश बघेल, मोहन मरकाम, चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, चंदन यादव, मोहम्मद अकबर
सवाल: अचानक बैठक की क्या वजह है?
जवाब: बैठक अचानक हुई. जिनको बुलाया गया था, उन्हें ही खबर दी गई थी. चुनाव के लिए रणनीति और तैयारी पर चर्चा की गई.
सवाल: क्या कर्नाटक चुनाव पर चर्चा हुई?
जवाब: मीटिंग की शुरुआत कर्नाटक चुनाव में जीत की बधाई से हुई. कर्नाटक के परिणाम से पूरे देश में कांग्रेस परिवार में ऊर्जा का संचार हुआ है.
सवाल:सत्ता संगठन में किसी तरह के बदलाव को लेकर कोई चर्चा हुई?
जवाब: टिकट, मंत्रि मंडल बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. मीटिंग की गोपनीयता की कोई बात नहीं है. चुनाव की तैयारी को लेकर मीटिंग की गई. चुनाव की तैयारी की रणनीति को हम सार्वजनिक नहीं कर सकते.
सवाल: क्या ईडी की कार्रवाई पर कोई चर्चा हुई?
जवाब: ईडी के दुरुपयोग को लेकर चर्चा हुई. दबाव में बयान लिया जा रहा है. कुछ लोगों के साथ मारपीट हो रही है. दबाव में बयान लेकर चर्चा हुई है.
सवाल: बीजेपी भूपेश बघेल का इस्तीफा मांग रही है, क्या कहेंगे?
जवाब: कर्नाटक में चुनाव परिणाम आ गए. एक विधायक के यहां 6 करोड़ रुपए निकलते हैं. 40 परसेंट सरकार के नाम पर चुनाव लड़ा जाता है. वहां पर ईडी कहां थी. जहां भाजपा से जुड़े कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ पदाधिकारी खुलेआम कह रहे थे कि हमसे 40 परसेंट मांगा जाता है. धार्मिक संस्थानों के प्रमुख यह बयान दे रहे थे कि हमें दस परसेंट की रियायत है. हमें जो पैसा दिया जा रहा है उसका 30 परसेंट लिया जा रहा है. उस समय जांच कहां हो रही थी?
सवाल: आपकी सरकार पर लगातार घोटालों के आरोप लग रहे हैं, पहले शराब घोटाला अब गौठान घोटाला?
जवाब: पहले नान घोटाले की बात कर लें. नान घोटाला आज भी कोर्ट में चल रहा है. इसमें ईडी की कार्रवाई क्यों नहीं हुई? 3 करोड़ 64 लाख रुपए अधिकारियों के कार्यालय से नगद निकले थे तो वहां ईडी ने जांच क्यों नहीं की. 36 हजार करोड़ का घोटाला हमने कहा था, उसकी जांच करनी चाहिए थी.
सवाल: भाजपा मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने मेगा एक्शन प्लान बना रही है, क्या कहेंगे?
जवाब: कर्नाटक के मतदाताओं ने भाजपा को जवाब दे दिया. मोदी को सामने रखकर भाजपा ने चुनाव लड़ा. डबल इंजन की सरकार कहकर चुनाव लड़ा. पहले बिहार, फिर पश्चिम बंगाल और अब कर्नाटक में 26 किमी की रैली, अगले दिन 9 किमी की रैली की गई. कर्नाटक का परिणाम सबके सामने है. कर्नाटक में तो भाजपा हार गई. अब किसी तरह उसको कवर अप करना चाहते हैं.