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मूकबधिर बच्चों ने तूलिका से भरे अनुभूति के रंग, चित्रों के जरिए कहा सुरक्षा के लिए मास्क पहनिए - corona virus chhattisgarh update

छत्तीसगढ़ के शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय के मूकबधिर विद्यार्थियों ने कोरोना संकट के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अनूभूति के रंगों को तूलिकाओं के जरिए प्रदर्शित किया है.

Silent deaf children paint for awareing for corona virus
चित्रों के जरिए कहा सुरक्षा के लिए मास्क पहनिये

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Published : Apr 17, 2020, 1:08 AM IST

रायपुर:कोरोना संक्रमण का प्रभाव पूरे विश्व सहित भारत में देखा जा रहा है. संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सभी लोगों से लाॅकडाउन में रहने और मास्क पहनने की अपील की है. छत्तीसगढ़ के शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय के मूकबधिर विद्यार्थियों ने कोरोना संकट के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अनूभूति के रंगों को तूलिकाओं के जरिए प्रदर्शित किया है.

भारत के तिंरगे का मास्क बना कर लोगों को जागरूक
चित्रों के जरिए लोगों को जागरूक
छोटे बच्चे के मुख पर मास्क लगा कर किया जागरूक
पृथवी पर मास्क लगाकर किया जागरूक

वहीं श्रवण बाधित विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लास में अपनी प्रतिभा दिखाई. उन्होंने चित्र के माध्यम से कोरोना संक्रमण की व्यापकता को दिखाते हुए मास्क पहनकर सुरक्षित रहने का संदेश दिया है. बीएफए (बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) के विद्यार्थी बलराम सिंग, गौरव, हेम प्रकाश, बप्पा राय, लिंगेश्वर, ओम श्रद्धा और धनेश्वरी ने ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान तैयार किए हैं. कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए दिव्यांग कल्याण की सभी संस्थाओं में ऑनलाइन पढ़ाई करायी जा रही है. इसके लिए वाॅट्सअप समूह बनाए गए हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण और उसके बचाव के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है. इस दौरान शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय की प्राचार्य शिक्षा वर्मा ने बताया कि काॅलेज में वर्तमान में 38 दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें से 17 विद्यार्थी मूकबधिर और 21 विद्यार्थी दृष्टिबाधित हैं.

अंबेडकर के मुख पर लगाया मास्क
भारतीय महिला का चित्र पर लगाया मास्क
मूक बधिर बच्चों ने तूलिका से भरे अनुभूति के रंग
ऑनलाइन पढ़ाई से बस्तर, देवभोग, कोरबा जैसे दूर-दराज इलाकों में घरों में रह रहे बच्चों की भी सुचारू रूप से पढ़ाई हो रही है. उन्होंने बताया कि शुरूआत में एक-दो बच्चों ने रूचि दिखाई पर धीरे-धीरे अधिकांश बच्चे ऑनलाइन सक्रिय होने लगे. अब विद्यार्थी शौक से पढ़ाई कर रहे हैं और अपने वीडियो भी पोस्ट कर रहे हैं.

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