रायपुर:सिकल सेल डिजीज (Sickle cell) खून की एक खतरनाक बीमारी है. इस बिमारी के छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में मरीज पाए जाते हैं. खून में जींस के अनेक सेट होते हैं, जो हमें सभी अपने माता-पिता से मिलते हैं. प्रत्येक सेट आपके शरीर में खास भूमिका निभाता है. जैसे आंखों के रंग का निर्धारण, त्वचा के रंग को तय करना आदि. जींस के एक अन्य सेट द्वारा यह भी निर्धारित किया जाता है कि लाल रक्त कोशिकाएं कैसी बनी हैं. वह किस प्रकार से काम करती हैं. यह एक ऐसी विशेषता है जिसे अपनी आंखों से नहीं देख सकते.
प्रदेश में 25 लाख से ज्यादा लोग सिकल सेल से प्रभावित
सिकल सेल बीमारी वास्तव में विभिन्न प्रकार के रक्त विकारों के समूह को कहा जाता है. जो सिकल हीमोग्लोबिन से होता है. विभिन्न प्रकार के सिकल सेल रोग होते हैं. इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स यानी खून की लाल कोशिका विकृति का शिकार होती है और हसिए के आकार की हो जाती हैं. ऐसे मरीजों की औसत उम्र 48 साल तक होती है. यह बीमारी अनुवांशिक है, यानी यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है. बता दें कि हर दिन प्रदेश में 150 से ज्यादा मरीज ओपीडी में इस बीमारी को लेकर पहुंचते हैं. जिसमें से 20 फीसदी नए मरीज होते हैं. इस बीमारी से छत्तीसगढ़ में 25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.और हर साल 1 फ़ीसदी मरीज इस बीमारी के प्रदेश में बढ़ रहे हैं.
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