रायपुर:दक्षिण दिशा पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव माना जाता है. दक्षिण दिशा के स्वामी मंगल और यम माने (Shubhakari for Dakshin Disha Nursing Home Doctor Builders ) जाते हैं. कुछ हद तक राहु, केतु और शुक्र का भी इस दिशा में प्रभाव पड़ता है. सामान्य रूप से आमजन दक्षिण दिशा में मकान दुकान ऑफिस लेने से बचने का प्रयास करते हैं. वास्तव में सभी दिशाएं अनुकूल होती है. दक्षिण दिशा में पराक्रम और साहस के देवता मंगल का वास होता है. मंगल अपने आप में एक शुभ ग्रह है. मंगल ग्रह चिकित्सा, मिलिट्री, साहस, पुलिस, मेडिकल, फार्मेसी और रक्त का कारक ग्रह है. दक्षिण दिशा में बिल्डर्स डेवलपर जमीन जायदाद का काम करने वाले और मकान से संबंधित सामग्रियों का क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारी बहुत सफल माने जाते हैं.
मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त:इस तरह के सभी कार्यों में मंगल का वास रहता है. जमीन जायदाद, खेती, फार्म हाउस आदि का प्रतिनिधि ग्रह सूर्य मित्र मंगल ग्रह माना गया है. मंगल को सेनापति का भी दर्जा है. इसी तरह से ज्वेलरी आर्ट डिजाइनिंग, ज्वेलरी डिजाइनिंग और बड़े-बड़े ज्वेलर्स भी मंगल की दिशा में यानी दक्षिण आग्नेय कोण में जमीन जायदाद सफल रहते हैं. सोना-चांदी प्लेटिनम आदि के देवता शुक्र ग्रह माने गए हैं. शुक्र ग्रह की दिशा अग्नि मानी जाती है. जो कि दक्षिण पूर्वी कोना कहलाता है. इस तरह से आभूषण बनाने वालों को भी यह दिशा बहुत अनुकूल परिणाम प्रदान करती है. सौंदर्य ब्यूटी पार्लर टेलरिंग आदि के भी कार्य करने वाले जातकों को शुक्र की वजह से दक्षिण दिशा बहुत ही चमत्कारिक परिणाम देती है.
ऐसे बिल्डरों को दक्षिण दिशा अनुकूल परिणाम:इसी तरह बड़े-बड़े बिल्डिंग बनाने वाले कॉलोनी डेवलपर्स का काम करने वाले बिल्डरों को दक्षिण दिशा अनुकूल परिणाम देने वाली होती है. ऐसे जातकों को अपना ऑफिस अपना दुकान या घर दक्षिण दिशा में लेना चाहिए. फार्मेसी मेडिकल केमिकल आदि का काम करने वाले जातक जो कि मंगल से संचालित होते हैं. मंगल दक्षिण दिशा का राजा है. इसलिए इस क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यापारियों को दक्षिण दिशा के गोदाम ऑफिस कार्यालय घर दुकान चमत्कारिक सिद्ध होते हैं. बड़े-बड़े नर्सिंग होम चिकित्सालय मल्टी स्पेशल हॉस्पिटल आदि का भी प्रतिनिधि ग्रह सेनापति मंगल माने गए हैं. मंगल ग्रह शरीर में रक्त अस्थि मज्जा हड्डियों का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है. प्लाज्मा श्वेत रक्त कणिकाएं लाल रक्त कणिकाएं आदि सभी में मंगल का प्रभाव रहता है. इस प्रकार दक्षिण दिशा के चिकित्सक भी अपने क्षेत्र में दक्षिण-दिशा में अपने क्लीनिक नर्सिंग होम मल्टी स्पेशल हॉस्पिटल को संचालित कर पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं.