रायपुर:छत्तीसगढ़ में लंबे समय से स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्राइमरी से लेकर हाई सेकेंड्री स्कूल तक के शिक्षकों के 56253 पद रिक्त हैं. गुरुवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने 12489 शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. सरकार की तरफ से शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है लेकिन प्रदेश के स्कूलों में अब भी बड़ी संख्या में शिक्षकों की कमी है. लगभग 43 हजार से ज्यादा स्कूल शिक्षकों के पद रिक्त हैं.
छत्तीसगढ़ में इस समय इतने शिक्षक:वर्तमान में प्रदेश के प्राथमिक स्कूल से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में कुल 1 लाख 64 हजार 982 शिक्षक कार्यरत हैं. इनमें प्राथमिक शाला में 77 हजार 185, पूर्व माध्यमिक शाला में 47 हजार 786, हाई स्कूल में 9 हजार 637 और हायर सेकेंडरी स्कूल में 30 हजार 381 शिक्षक हैं.
इतने शिक्षकों की कमी:प्रदेश के स्कूलों में कुल 56 हजार 232 शिक्षकों की कमी थी. सरकार की ओर से 12 हजार 489 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया. जब यह भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, इसके बाद भी स्कूलों में 43 हजार 743 शिक्षकों की कमी रहेगी. वर्तमान में 56 हजार 232 पदों पर शिक्षकों की कमी है. इनमें प्राथमिक शाला में 27 हजार 150, पूर्व माध्यमिक शाला में 19 हजार 619, हाई स्कूल में 2 हजार 515 और हायर सेकेंडरी स्कूल में 6 हजार 948 शिक्षकों की कमी है.
इतने पदों पर सरकार ने निकाली नौकरी:सरगुजा और बस्तर संभाग के स्कूलों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 12489 शिक्षकों की सीधी भर्ती निकाली गई है. इनमें 6285 सहायक शिक्षक, 5772 शिक्षक, और 432 व्याख्याता के पदों पर सीधी भर्तियां होंगी.
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क्या कहना है शिक्षाविद का:शिक्षाविद जवाहर सूरी शेट्टी ने छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी और नई भर्ती विज्ञापन को लेकर कहा कि जब जब इलेक्शन आते हैं तब भर्तियां निकाली जाती है. प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है, ऐसे में इन 4 सालों में बच्चों का क्या हुआ होगा. पिछले 4 सालों में 12-12 हजार शिक्षकों की भर्ती निकाली जाती तो अब तक पूरे पद भर गए होते.
शेट्टी का कहना है कि " सरकार अगर पैसे बचाना चाहती है तो B.Ed और डीएड कॉलेजों से छात्रों को लेकर, टीचर्स की कमी वाले स्कूलों में पूर्ति कर सकती है. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी."
ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की जरूरत: प्रदेश में टीचर्स की कमी को लेकर ये बात भी सामने आती है कि मनचाही पोस्ट के लिए शिक्षक दूर दराज नहीं जाते. कई बार एक ही स्कूल में एक ही विषय के 2 से ज्यादा टीचर्स रहते हैं. ऐसे में दूर दराज स्कूलों में सब्जेक्ट टीचर्स की कमी होती है. शेट्टी बताते हैं कि "वर्तमान में प्रदेश में यही स्थिति देखने को मिल रही है इस वजह से कई स्कूलों में टीचर्स की कमी देखने को मिल रही है. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की जरूरत है. "
क्या कहना है शिक्षा विभाग का:छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी को लेकर जब स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आरक्षण के चलते भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई थी. अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. वर्तमान में 12000 से अधिक शिक्षकों के पदों के लिए भर्ती निकाली गई है लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी कब तक पूरी हो पाएगी ये समय सीमा बताना संभव नहीं है.
शिक्षा विभाग में अन्य पदों पर जल्द निकलेगी भर्ती:सुप्रीम कोर्ट से 58 प्रतिशत आरक्षण को बहाल करने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भर्तियों के रास्ते साफ हो गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार सरकार अलग-अलग विभागों को मिलाकर कुल 25 हजार भर्तियां निकालने वाली है. इनमें सहायक प्राध्यापक, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस सब इंस्पेक्टर, होमगार्ड, आयुष विभाग में भी जल्द भर्तियां निकलेगी.