रायपुर: कोरोना संकट के बीच अच्छे-अच्छे लोगों की हालत खराब हो गई है. कुछ लोग इस संक्रमण से जूझ रहे हैं तो कुछ लोग रोटी के लिए मेहनत कर दो पैसे कमाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. कोरोना ने लोगों के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति पैदा कर दी है. मतलब अगर काम नहीं करेंगे तो भूखे मर जाएंगे और अगर सड़क पर निकलेंगे तो कोरोना से मर जाएंगे. यही वजह है कि अब कुछ लोगों ने मजबूरी में पेट पालने के लिए घर से निकल रहे है. खासकर वे लोग जो रोज कमाने खाने वाले हैं. कोरोना ने अच्छे खासे व्यापारियों को भी सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है. ऐसे व्यापारी जिनकी दो-दो चार-चार दुकानें हैं, जिसके यहां 6 से 7 कर्मचारी काम करते हैं. आज वे खुद सड़क पर काम करने को मजबूर हैं.
हम बात कर रहे हैं फल व्यापारी कमल जैन की. जिनकी रायपुर शहर में फल और जूस की दुकान दो बड़ी दुकानें हैं. एक दुकान शंकर नगर में तो दूसरी दुकान मालवीय रोड पर स्थित है. इनकी दुकान में कई कर्मचारी काम करते थे. लेकिन कोरोना संकटकाल के बीच परिस्थिति ऐसी बदली कि आज वे खुद सड़क पर आकर फल बेचने को मजबूर हैं. व्यापारी के पास ठेला नहीं था, तो व्यापारी ने घर में खड़ी कार को ही अपना ठेला बना लिया. वो फलों को बेचने के लिए सड़क पर खड़ा हो गया. उसे देखकर कुछ लोग हैरान हो रहे हैं, तो कुछ लोग तो कार वाले की परिस्थिति देखकर उसे सहयोग करने के लिए फल खरीद रहे हैं.
कार को ही बनाया ठेला
कमल बताते हैं कि लॉकडाउन में कर्मचारियों का वेतन तो दूर खुद का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है. आलम ये था कि लॉकडाउन और आर्थिक तंगी की वजह से इसने अपने कर्मचारियों को छुट्टी दे दी. लेकिन खुद की भूख मिटाने के लिए सड़कों पर फल बेचने निकल पड़ा. मजबूरी यह थी कि व्यापारी के पास ठेला नहीं था तो उसने घर में खड़ी कार को ही अपनी आमदनी का जरिया बना लिया. इस कार में ही व्यापारी अब फल रखकर राजधानी की सड़कों पर बेच रहा है.