रायपुर: राजधानी के जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र में शिवसेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ियों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर उपसंचालक को ज्ञापन सौंपा है. शिवसेना के कार्यकर्ताओं का कहना है कि, शिक्षित बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसका अनुमान पंजीकृत आंकड़ों से लगाया जा सकता है.
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन जिस प्रकार पंजीयन हो रहा है, उसके अनुसार युवाओं को रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा है. शासन के जारी टेंडर में बाहरी कंपनी और संस्थाओं को प्राथमिकता दिए जाने से स्थानीय युवाओं का शोषण हो रहा है. राज्य के आउटसोर्सिंग कंपनियों ने टेंडर प्राप्त कर स्थानीय युवाओं को रोजगार न देकर, उनका हक मार रही है.
पंजीयन के बाद भी नहीं मिल रहा काम
कंपनियां कागजों में स्थानीय लोगों को रोजगार देना बता कर बाहरी लोगों को नौकरी में रख रही है. जिससे स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों का रोजगार कार्यालय में पंजीयन होने के बाद भी कोई काम नहीं हो पा रहा है. वहीं मामले में जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र के उपसंचालक एओ लाटी का कहना है कि, छत्तीसगढ़ में रोजगार कार्यालय ने नियुक्ति संबंधी कार्य किया जाता है.
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रोजगार कार्यालय में पंजीयन कार्य
लाटी का कहना है कि, 'सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के लोगों को नियुक्ति, रोजगार कार्यालय के माध्यम से की जाती है. जहां तक बात की जाए गैर छत्तीसगढ़ीयों का तो उनके रोजगार कार्यालय के पंजीयन प्रमाण पत्र में 'गैर छत्तीसगढ़ी' लिख दिया जाता है. बेरोजगार युवक-युवतियों का पंजीयन आवश्यक दस्तावेज के आधार पर हर जिले के रोजगार कार्यालय में किया जाता है.