रायपुर: भूपेश कैबिनेट ने शिक्षाकर्मियों को कोरोना काल में तोहफा दिया है. दो वर्ष एवं उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शेष बचे पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन एक नवंबर 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग में किए जाने का अनुमोदन किया गया. इसका लाभ 16 हजार 278 शिक्षकों को मिलेगा.
शिक्षाकर्मी लंबे वक्त से इसकी मांग कर रहे थे. इसके अलावा सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चला रहे थे. इसके अलावा राज्य के सीधी भर्ती के समस्त पदों पर 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में नियुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया.
कैबिनेट के अन्य फैसले-
1- छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 21 के तहत यात्री बसों के माह-जून के देय मासिक कर में पूर्णतः छूट प्रदान करने और दो महीने तक की अवधि के लिए वाहन और अनुज्ञा पत्र निष्प्रयोग में रखे जाने पर अग्रिम देय मासिक कर जमा करने संबंधी प्रावधान को अस्थाई रूप से शिथिल करने का निर्णय लिया गया.
2- नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, गैर रियायती एवं रियायती दरों पर आबंटित नजूल पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन विलेखों में देय स्टाम्प शुल्क/पंजीयन शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया. इसके तहत बंटन/व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरित किए जाने वाले विलेखो पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत तथा उपकर में छूट प्रदान करते हुए अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया. ये सभी छूट 31 मार्च 2021 तक प्रभावशील रहेंगी.
3- छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशनकार्डों (एपीएल श्रेणी को छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्ड के समान ही 5 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक निःशुल्क वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में प्रति व्यक्ति/कार्ड, प्रतिमाह कुल खाद्यान्न की अधिकतम पात्रता CGFS और NFSA के तहत जारी किए गए खाद्यान्न की अधिकतम पात्रता के बराबर होगी.
4-छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशनकार्डो (एपीएल कार्डो का छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्डो के समान ही एक किलो चना प्रति कार्ड प्रतिमाह जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक निःशुल्क वितरण करने का निर्णय लिया गया.