Shani Pradosh And Mass Shivratri: मृगशिरा नक्षत्र के प्रभाव में मनाया जा रहा शनि प्रदोष और मास शिवरात्रि व्रत
Shani Pradosh And Mass Shivratri शनि प्रदोष व्रत और मास शिवरात्रि व्रत दोनों ही एक दिन पड़ने से शिव भक्तों को वरदान मिला है. श्रावण मास के कृष्ण पक्ष और विशेषकर प्रथम श्रावण मास का प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है. इस दिन भोले की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है.
शनि प्रदोष व्रत
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Published : Jul 15, 2023, 8:41 AM IST
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Updated : Jul 15, 2023, 10:12 AM IST
पंडित विनीत शर्मा ने बताया कैसे करें शिव पूजा
रायपुर: 15 जुलाई शनिवार मृगशिरा नक्षत्र वृद्धि योग वज्र योग और मिथुन राशि के चंद्रमा में शनि प्रदोष व्रत और मास शिवरात्रि व्रत दोनों ही मनाया जा रहा है. यह संयोग बहुत कम अवसरों पर पड़ता है. इस शुभ दिन वृद्धि योग घर और वव करण वज्र आनंद योग वृषभ और मिथुन राशि का चंद्रमा और शनिवार का सुंदर प्रभाव है. इस दिन यंत्र शस्त्र घटन यंत्रकर्म आरंभ यंत्र स्थापन आदि का अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है. यह
प्रदोष में योग का बहुत महत्व: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि इस दिन सुबह उठकर सूर्योदय से पूर्व योग ध्यान आसन प्राणायाम अवश्य करना चाहिए. भगवान शिव ही योग के आदि देव माने गए हैं. भगवान शिव को योगेश्वर के रूप में भी जाना जाता है. योग के प्रारंभ आदि और अंत में भगवान शिव माने गए हैं. इस दिन भगवान शिव को स्मरण कर विचार शून्य होकर ध्यान करना श्रेष्ठ होता है. साथ ही भोलेनाथ जी को स्मरण कर सूर्य नमस्कार और चंद्र नमस्कार के आसनों का प्रयोग करना चाहिए. जिससे मन और शरीर स्वस्थ रहते हैं. भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं. इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक करना श्रेष्ठ माना गया है.
कैसे करें शिव को प्रसन्न: शिवालय जाकर भगवान शिव का गन्ने के रस, गंगा यमुना सरस्वती के जल से अथवा कावेरी गोदावरी कृष्णा नर्मदा नदी के जल से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव श्रावण मास में सृष्टि के संचालनकर्ता के रूप में काम करते हैं. इस समय भगवान विष्णु देव के शयन होने की वजह से चातुर्मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. शनि प्रदोष और मास शिवरात्रि का व्रत करने पर कुंवारी कन्याओं को शीघ्र ही सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है. आज के शुभ दिन शिव चालीसा, शिवास्टकम, रुद्राष्टकम, शिव गायत्री मंत्र, शिव सहस्त्रनाम, शिवजी की आरती करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करने पर सभी कामनाएं पूरी होती है. तुलसी की माला अथवा शुद्ध माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप पाठ एवं विनियोग करना चाहिए.
सफेद और नीले फूल शिव को जरूर चढ़ाएं: भगवान शिव को शिवालय में सुंदर वस्त्र पहनकर धतूरा बेल पत्र बेल पत्र के साथ नीले पुष्प अर्पित करना चाहिए. मधु, शक्कर, दूध, दही, घी का अभिषेक करना चाहिए. अबीर गुलाल गोपी चंदन, अष्ट चंदन, रक्त चंदन, श्वेत चंदन से भगवान मृत्युंजय का अभिषेक करना चाहिए. पीला चंदन, हल्दी, परिमल, रोली, सिंदूर, बंधन, गुलाल से भगवान शिव का श्रृंगार करने से विशेष लाभ मिलता है. नीले फूल के साथ भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाना चाहिए. आज के शुभ दिन भगवान शंकर जी का पूरे विधि विधानपूर्वक श्रद्धामय होकर श्रृंगार करने पर भगवान रुद्र बहुत प्रसन्न होते हैं.
शिव की पूजा से बेरोजगारों को मिलती है नौकरी:भगवान भोलेनाथ को दूध और जल से अभिषेक करते समय पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय, नमस्कार मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव शंकर व मंत्रों का यथोचित रीति से पाठ करना चाहिए. आज के शुभ दिन युवा बेरोजगारों को भी भगवान शिव को प्रसन्न करने का अवसर मिलता है. सच्चे मन से भगवान शिव का अभिषेक करने पर मनचाही नौकरी मिलने की संभावना बढ़ती है.