रायपुर:रायपुर के संतोषी नगर इलाके के कुछ घरेलू महिलाओं से इस त्योहार को लेकर बातचीत की गई और तिल के लड्डू बनाने की विधि भी जानी गई. इसी कड़ी में रमा दूबे ने ईटीवी भारत को बताया कि "मकर संक्रांति के दिन सुबह नहाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है और काले तिल का दान कर शनि देव को शांत किया जाता है. साथ ही सूर्य देव को भी तिल चढ़ाना शुभ माना जाता है."
ऐसे बनता है तिल का लड्डू:अनिता तम्बोली ने बताया कि "मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश मे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. हमारे छत्तीसगढ़ में तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर कुलदेव, शनिदेव और सूर्यदेव को चढ़ाया जाता है. यह स्नानदान का पर्व है, स्नान कर दान दिया जाता है. वहीं शनिदेव की भी शांत करने हेतु पूजा की जाती है. इस त्यौहार में बनाये जाने वाले तिल के लड्डू के लिए पहले तिल को फ्राई किया जाता है. उसके बाद गुड़ की चाशनी बनाकर दोनों को मिला लिया जाता है. जिसके बाद हाथों से ही मिक्स तिल और गुड़ की चाशनी को गोल आकृति देकर लड्डू बांधा जाता है."
तिल खिचड़ी का दान किया जाता है:मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते है. इस दिन मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर जाते हैं. इसलिए ही इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. बहुत सी जगहों पर इसे खिचड़ी और उत्तरायण भी कहते हैं. मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है. इस शुभ दिन तिल खिचड़ी का दान करते हैं. ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन किसी भी तरह के नशे जैसे सिगरेट, शराब, गुटका आदि से खुद को दूर रखें. साथ ही इस दिन मसालेदार भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए. इस दिन तिल और मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करना अच्छा माना जाता है.