रायपुर:राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ ही नहीं अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर से आदिवासी और विद्वान नेता माने जाते हैं. साय छत्तीसगढ़ बनने से पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में BJP की हालातों को लेकर कई तरह की बातों पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में पार्टी को खड़ा करने के लिए ताकतवर नेतृत्व की जरूरत है. अब पूरी पार्टी को एकजुट होकर नए सिरे से काम करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की है.
BJP को 2003 के दौर जैसी लड़ाई की जरूरत
नंदकुमार साय ने छत्तीसगढ़ में BJP की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद जिस तरह से भय और आतंक का माहौल था. वह स्थिति अब एक बार फिर से दिखने लगी है. उस दौर में जिस तरह से पार्टी एकजुट होकर सड़क से लेकर सदन तक सत्ता के खिलाफ लड़ी थी, ठीक वैसे ही लड़ाई की जरूरत है. उन्होंने अपने दौर को याद करते हुए कहा कि उस दौर में वह नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. जब सदन में सत्तापक्ष चर्चा से बचा करता था.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्र को भी केवल 2 दिनों का रखा गया था. वे उस दौर में विपक्ष में रहते हुए 2 दिन के सत्र का जमकर विरोध करते हुए आपत्ति जताई थी. इसके बाद पहली बार दिन रात 24 घंटे का सत्र चला जो कि सुबह से लेकर रात तक सदन की कार्रवाई हुई थी. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है. तमाम तरह की लड़ाई और विपक्ष में रहते हुए प्रदर्शन करने पर लाठीचार्ज होने तक की बात याद दिलाई.