रायपुर:देश में लॉक डाउन घोषित है. इस दौरान डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इस महामारी के समय लोगों की सुरक्षा के लिए शासन और प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है. इसके साथ ही एक ऐसा वर्ग भी है जो घरों, भवनों, सोसाइटियों, एटीएम और बैंक जैसी कई संस्थाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहा है.
सिक्योरिटी गार्ड्स इस मुश्किल घड़ी में हमारी सुरक्षा में तैनात हैं और अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे हैं. लेकिन दुख इस बात का है कि अपनी फिक्र किए बगैर हमारी सुरक्षा में लगे इन लोगों की फिक्र किसी को नहीं है. जिसकी सैलरी इस मुश्किल वक्त में बढ़ा देनी चाहिए थी, उन्हें वेतन का इंतजार करना पड़ रहा है. कहीं-कहीं इनकी सैलरी काट दी गई है. सोसाइटियों में काम करने वाले गार्ड को तो समय पर वेतन मिल रहा है, लेकिन शोरूम में तैनात गार्ड वेतन का इंतजार करते नजर आ रहे हैं.
राजधानी में 20 हजार से ज्यादा गार्ड
राजधानी रायपुर की अगर बात की जाए तो यहां लगभग 2 हजार सुरक्षा एजेंसियां और सुरक्षा परिषद हैं. इनके ही माध्यम से गार्ड की नियुक्ति की जाती है. अकेले राजधानी में 20 हजार के लगभग गार्ड अपनी निरंतर ड्यूटी दे रहे हैं.