रायपुर: रोजा रखकर परवरदिगार की इबादतों का सिलसिला अब और भी तेज होगा. तिलावत-ए-कलामपाक और शबीना का दौर भी चलेगा. रविवार को मगरिब की अजान होते है रमजान का पहला अशरा मुकम्मल होगा और दूसरा अशरा शुरू हो जाएगा. पहला अशरा रहमत का कहलाता है. दूसरा अशरा मगफिरत का और रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का है. दूसरे अशरे में दिल से की गई तौबा कबूल होती है.
जानिए, कब से कब तक रहेगा दूसरा अशरा :रमजान का पूरा महीना 10-10 दिन के तीन हिस्सों में तक्सीम होता है. इस 10 दिन की अवधि का एक अशरा कहते हैं. पहला अशरा रहमत का है, जो 23 अप्रैल को चांद की तस्दीक के साथ शुरू हुआ था और 2 अप्रैल यानी रविवार को मगरिब के समय तक मुकम्मल होगा. वहीं रविवार 2 अप्रैल को मगरिब की अजान होते ही दूसरा अशरा शुरू हो जाएगा और 12 अप्रैल को मगरिब के समय तक मुकम्मल होगा. दूसरे अशरे में शबीना का दौर भी तेज हो जाता है.
जहन्नम से आजादी का है तीसरा अशरा: रमजान का तीसरा और आखिरी अशरा 12 अप्रैल को मगरिब की अजान के साथ शुरू होगा. जहन्नम से आजादी का यह अशरा 29 रमजान या 30 रमजान को चांद की तस्दीक के साथ मुकम्मल होगा.