रायपुर: कोरोना के बुरे दौर से गुजर रही दुनिया में एक बार फिर से उम्मीद की रोशनी फैलने लगी है. छत्तीसगढ़ में 11 महीने के बाद स्कूल फिर से गुलजार हुए हैं. ड्रेस पहनकर, कॉपी-किताब और बैग लिए बच्चे पढ़ाई करने पहुंचे. कभी किसी ने सोचा भी न रहा होगा कि शिक्षा का मंदिर इतने दिनों तक न बच्चों के हंसी-ठहाके सुन पाएगा और न टीचर्स की डांट, लेकिन जब ये दिन फिर लौटा तो स्टूडेंट्स का फूलों और तिलक के साथ स्वागत हुआ.
11 महीने बाद स्कूल हुआ ओपन ETV भारत ने जब 11 महीने बाद स्कूल खुलने पर छात्रों से बातचीत की तो वे काफी खुश नजर आए. स्टूडेंट्स ने बताया कि वे ऑनलाइन क्लासेस से परेशान हो गए हैं. उनके डाउट्स क्लियर नहीं हो पाते थे. अब वे शिक्षकों से खुलकर सवाल पूछ सकेंगे. कई छात्रों ने कहा कि वे कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे और अपने से छोटे स्टूडेंट्स को भी यही संदेश देंगे.
11 महीने बाद स्कूल हुआ ओपन जशपुर में प्राचार्य और शिक्षकों ने किया बच्चों का स्वागत
स्कूल कैंपस में फिर से रौनक लौटी
कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोले गए हैं. छात्रों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते क्लास शुरू की गई है, जिसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी. टीचर्स ने ये भी कहा कि क्लास में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा जाएगा. टीचर्स ने बताया कि बोर्ड एग्जाम्स नजदीक हैं. परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों की तैयारी पहले कराई जाएगी. 11 महीनों के सन्नाटे के बाद स्कूल कैंपस में फिर से रौनक लौट आई है. अभी प्राइमरी और मिडिल स्कूल नहीं खोले गए हैं. उम्मीद करते हैं जल्द से जल्द कोरोना मरीजों की संख्या जीरो हो और छोटे बच्चे भी बैग लेकर स्कूल जाते दिखाई दें.
11 महीने बाद स्कूल हुआ ओपन स्कूल खोले जाने के संबंध में गाइडलाइन
- स्कूल में एंट्री से पहले थर्मल स्क्रीनिंग से होकर गुजरना होगा.
- सर्दी बुखार या खांसी होने पर स्कूल आने पर रोक होगी. शिक्षक, छात्र, अधिकारी समेत ये नियम सभी पर लागू होंगे.
- सैनिटाइजर और मास्क लगाना अनिवार्य होगा.
- स्कूलों में सुबह होने वाली प्रार्थना फिलहाल नहीं होगी.
- कोरोना से सावधानी बरतने के लिए पीने का पानी भी छात्रों को साथ लेकर जाना होगा.
- स्कूल भी पूरे समय के बजाय 4 घंटे ही लगेंगे.
- 3 से 4 पीरियड के बाद छुट्टी दे दी जाएगी.
- जो छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहतें है वे घर पर रहकर पढ़ाई कर सकते हैं. जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं होगी उन्हें प्राथमिकता से उन्हें स्कूल बुलाया जाएगा.