रायपुर:कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन में सराफा बाज़ारों में सन्नाटा पसरा था, लेकिन लॉकडाउन में छूट के बाद दोबारा दुकानें खुलने से सराफा बाज़ार में रौनक लौट आई है. सराफा कारोबारी तय नियम का पालन करते हुए अपना व्यवसाय चला रहे हैं.
सराफा बाजार में लौटी रौनक छत्तीसगढ़ में छोटी-बड़ी मिलाकर करीब साढ़े 5 हजार सराफा दुकानें हैं. अकेले राजधानी रायपुर में ही सराफा की करीब 15 सौ दुकान हैं. राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सराफा व्यापारियों को हफ्ते में 4 दिन दुकान खोलने की अनुमति मिली है. कारोबारियों ने सीएम से समय बढ़ाने की मांग की है.
लौट रही रौनक
पूरे प्रदेश में हाल मार्किंग सेंटर 5 जगहों पर हैं. रायपुर में 3, दुर्ग में 1 और बिलासपुर में 1 हॉल मार्किंग सेंटर है. ये सभी लॉकडाउन के कारण पिछले 2 महीने से बंद थे. इस दौरान ज्वैलरी शॉप में काम करने वाले कई कर्मचारी और कारीगर बेरोज़गारी की भेंट भी चढ़ गए. हालांकि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद सराफा कारोबारियों को राहत मिली है. बाज़ार में भी धीरे-धीरे रौनक लौट रही है.
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प्रदेश में 12 हजारा कर्मचारी
प्रदेश भर में सराफा दुकान में काम करने वाले कर्मचारी और स्टाफ की संख्या लगभग 12 हजार है. इनमें कारीगरी का काम करने वाले कारीगरों की संख्या पूरे प्रदेश में 2 हजार है. गहनों को साफ करने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब 300 है. व्यापारियों ने बताया कि दुकान खोलने के लिए उन्हें जो समय दिया गया है वह उनके लिए नाकाफी है. शासन की ओर से मिली गाइडलाइन के मुताबिक सराफा व्यापारियों को हफ्ते में 4 दिन दुकान खोलने की अनुमति तो मिली है. लेकिन नियम के मुताबिक व्यापारियों को 2 दिन एक तरफ की और 2 दिन दूसरी तरफ की दुकान खोलने की अनुमति मिली है.