रायपुर:संत पवन दीवान का राजिम के पास के किरवई गांव में 1 जनवरी 1945 को जन्मे थे. दीवान ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उनके गांव से ही हुई. दीवान के पिता का नाम सुखराम धर दीवान था और वे पेशे से एक शिक्षक थे. जबकि उनकी मां का नाम किर्ती देवी दीवान था. दीवान का ननिहाल आरंग के पास के छटेरा गांव में रहता था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गांव किरवई और राजिम से ही पूरी की. जिसके बाद आगे की उच्च शिक्षा सागर विश्वविद्यालय और रविशकंर शुक्ल विवि रायपुर विश्वविद्यालय से पूरी की. जहां से दीवान ने हिंदी और संस्कृत विषय में एमए की पढ़ाई की. दीवान के लिए साल 1977 में एक नारा गूंजा था. पवन नहीं ये आंधी है. छत्तीसगढ़ का गांधी है. पवन दीवान की मृत्यु 2 मार्च 2014 को दिल्ली में हुई थी.
भूपेश बघेल ने संत पवन दीवान को दी श्रद्धांजलि:छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. संत पवन दीवान को नमन करते हुए कहा है कि "संत पवन दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने हमेशा छत्तीसगढ़ की प्रगति के लिए काम किया है. दीवान की भाषण शैली का जादू लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया करता था. दीवान के भाषणों में माटी की सौंधी महक की छाप देखने को मिलती थी. जिस वजह से आम जनमानस अपने आप को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करते थे. छत्तीसगढ़ को दीवान की कमी हमेशा खलेगी."