रायपुर:द्विजप्रिय संकष्टी गणेश चतुर्थी फाल्गुन या माघ के महीने में पड़ती है. मार्च के महीने में संकष्टी चतुर्थी 11 तारीख को पड़ रही है. इस दिन को भगवान गणेश की आराधना के लिए समर्पित करते हैं. कुछ अनुयायी कठोर उपवास रखते हैं, जबकि अन्य आंशिक उपवास रखते हैं. आंशिक उपवास रखते हुए भक्त फल, सब्जियां और पौधों की जड़ें फलाहार के रूप में ले सकते हैं. इस दिन मूंगफली, आलू और साबूदाने की खिचड़ी भी कुछ प्रमुख फलाहार हैं.शाम को चंद्रमा को देखने के बाद संकष्टी पूजा की जाती है.शाम को भगवान गणेश की पूजा करने और चंद्रमा के दर्शन करने के बाद व्रत तोड़ा जाता है.इस दिन मोदक बनाए जाते हैं क्योंकि यह भगवान गणेश का पसंदीदा भोजन है.
भगवान गणेश करते हैंं हर दुख को दूर: जो व्यक्ति संकष्टी चतुर्थी का व्रत करना चाहता है उसे प्रात: काल अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. फिर उन्हें व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए और फिर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान फूल, अगरबत्ती, मिठाई आदि चढ़ा सकते हैं. भगवान गणेश, जिन्हें विनायक के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व रखते हैं. उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है और किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले भगवान की पूजा करना शुभ माना जाता है.
Holashtak 2023 Beliefs : आज से शुरू हो गए होलाष्टक,जानिए उससे जुड़ी मान्यताएं