रायपुर:सद्गुरु रितेश्वर महाराज अपने दो दिवसीय प्रवास पर शुक्रवार को रायपुर पहुंचे. उन्होंने पत्रकार वार्ता कर देश और प्रदेश के समसामयिक विषयों पर चर्चा की. उन्होंने यूपी चुनाव, हिजाब विवाद, शराबबंदी, धर्म संसद और धर्मांतरण बेबाकी से अपनी राय रखी. साथ ही मीडिया के सवालों के जवाब दिये.
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यूपी चुनाव पर क्या बोले सतगुरु रितेश्वर महाराज
सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने यूपी चुनाव को लेकर कहा कि चुनाव दलों के बीच में होता है. कोई भी दल अपने विजय के लिए चुनाव लड़ती है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दूसरे दल के हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दूसरे दल के हैं. हर दल के लोग अपने दल का विजय चाहते हैं. कोई भी पार्टी हो हर योद्धा अपने आप को विजेता समझता है तभी वह जीत पाता है. कोई भी दल के कामकाज से अगर जनता असंतुष्ट होता है तो वह चुनाव हार जाता है, लेकिन कोई भी पार्टी जो जनता के हित में और उसकी भलाई के लिए काम करता है, वह चुनाव में विजय प्राप्त करता है.
हिजाब विवाद पर सद्गुरु रितेश्वर
सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने हिजाब विवाद को लेकर कहा कि देश एक है संविधान एक है. ऐसे में संविधान के नियमों का पालन करना हम सब का कर्तव्य है. अगर संविधान कहता है कि आप अपने अपने धर्मों के हिसाब से यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल जा सकते हैं तो उसको भी मानना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि संविधान के लिए मनुष्य नहीं बना है बल्कि मनुष्य के लिए संविधान को बनाया गया है. उन्होंने बताया कि सरकार बदलने के साथ ही संविधान में संशोधन किया जा सकता है. ठीक उसी तरह हिजाब विवाद भी है. सरकार चाहे तो शिक्षा को लेकर संसद में कानून बना सकती है. विपक्षी पार्टी को अगर यह बात गलत लगता है तो वह संसद में विधेयक ला सकती है.
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मामला
शराबबंदी को लेकर रितेश्वर महाराज ने कहा कि अगर प्रदेश में शराब बंदी होती है तो सरकार की रेवेन्यू रुक जाएगी. ऐसे में सरकार कैसे प्रदेश चलाएगी. मानवीय संवेदनाओं के आधार पर सरकार को यह जरूर सोचना चाहिए कि एक के शराब पीने से हजारों लाखों घर बर्बाद होते हैं और कई परिवार का जीवन खराब हो जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे विकास की सरकार को क्या जरूरत कि वह शराब से पैसे कमाकर प्रदेश के विकास में लगाएगी.
धर्म संसद को मानते हैं अच्छा
धर्म संसद को लेकर उन्होंने कहा कि वे धर्म संसद को अच्छा मानते हैं. धर्म का अर्थ मारना या खत्म करना या हिंसा फैलाना नहीं होता. धर्म का अर्थ आपस में भाईचारे को मिटाना नहीं होता. धर्म का सीधा परिभाषा वेद में लिखा है कि जिस कर्म और नीति से हम बचे हैं आगे बढ़े हैं धर्म संसद के नाम पर और अधार्मिक कृत्य होता है तो हम इसका विरोध करते हैं.
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तनाव कैसे दूर किया जाए...
तनाव कैसे मिटाएं, इसपर सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कहा कि तनाव का मामला कोई अकेला मामला नहीं है. तनाव कई तरह के हो सकते हैं. तनाव की वजह से लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि तनाव को कम करने के लिए मेडिकल साइंस में कोई भी दवा नहीं है. लेकिन अध्यात्म और योग के माध्यम से तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है. इसको लेकर कई उदाहरण भी दिये. उन्होंने बताया कि आगामी समय में बिलासपुर या फिर रायपुर में तनाव को दूर करने के लिए सेमिनार का आयोजन किया जाएगा.