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सच्चिदानंद उपासने ने राज्य बीजेपी इकाई पर उठाए सवाल, पार्टी में कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने की मांग

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने बड़ा बयान दिया है. उपासने ने कहीं न कहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं को अहमियत न दिए जाने को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि 15 साल में पार्टी में कई दुर्गुण आए हैं.

Sachchidanand Upasane gave statement
सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता

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Published : Aug 16, 2020, 4:12 PM IST

रायपुर:संघ प्रमुख मोहन भागवत के दौरे के बीच प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने बड़ा बयान दिया है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि 15 साल तक निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की वजह से आज भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में यह हालत हुई है. 15 साल में भाजपा में बहुत से दुर्गुण आए हैं.

प्रदेश बीजेपी में कार्यकर्ताओं को मिले तवज्जो

उपासने ने कहा कि जनता ने देखा है कि हम पहले क्या थे और अब क्या हो गए हैं. परिक्रमा करने वाले नेताओं को तवज्जो मिलने से पार्टी को नुकसान हुआ है. साथ ही पार्टी में आज निर्णय लेने में बहुत देरी हो रही है. फैसले की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा निष्ठावान कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाना चाहिए.

15 साल में राज्य बीजेपी में कई दुर्गुण आए: उपासने

उपासने ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 15 साल तक सत्ता संभाली. इसमें बहुत से दुर्गुण भी आए. जिसे स्वीकार करने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है. जनता हमसे जो चाहती है, हमको देखती है. हम पहले क्या थे और हम क्या हो गए हैं. जनता हम पर बारीकी से नजर रखती है. जब जनता नजर रखती है तो उसके दुष्परिणाम भी पार्टी को भुगतने पड़ते हैं. एक सिद्धांत और विचारधारा को ठेस पहुंचती है.

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सिद्धांत पर चिंतन करने की जरुरत: उपासने

सच्चिदानंद ने कहा कि आरएसएस जिस तरह से अपना काम करता है उससे हमें सीखना चाहिए. हमें सिद्धांतों पर चिंतन करना चाहिए. साथ ही आज हमारी जो स्थिति है उसको लेकर भी हमें चिंतन करने की जरुरत है. 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद हम इस स्थिति में कैसे आए हैं. किसी भी फैसले में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो तभी स्वच्छ निर्णय होता है.

कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलनी चाहिए: उपासने

उपासने ने कहा कि जो कार्यकर्ता काम कर रहे हैं उनको तवज्जो मिलनी चाहिए. पहले काम करने वाला कार्यकर्ता कभी पद के लिए नहीं दौड़ता था. संगठन मंत्री उनके कार्यों को देखा करते थे. कौन कितनी निष्ठा से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि परिक्रमा को जिस दिन से महत्व मिल जाता है उस दिन से हमारा पतन हो जाता है. हम अपनी असलियत को ध्यान में रखें हम अपने अतीत को ध्यान रखें. हम अपने जनसंघ को याद रखें और हम अपने संघ को याद रखें. अभी भी समय है हम एक बार फिर अपनी पुरानी उस पहचान को याद करके चलेंगे तो पिछले 15 साल की जो हमारी पहचान थी उसे हम फिर से वापस ला सकते हैं.

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