सड़क हादसों का गढ़ बना छत्तीसगढ़, हर दिन हो रही 17 मौतें !
छत्तीसगढ़ में रफ्तार कहर बनकर बरप रहा है. रायपुर में भी सड़क हादसों में बढोतरी देखने को मिल रही है. आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ में हर दिन 17 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो रही (road accidents increased in chhattisgarh) है. इस आंकड़ें के खुलासे के बाद यातायात विभाग हरकत में है.
छत्तीसगढ़ में बढ़े सड़क हादसे
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Published : Jul 3, 2022, 6:22 PM IST
रायपुर:छत्तीसगढ़ की सड़कें एक बार फिर लोगों के लिए असुरक्षित साबित हो रही है. कोरोनाकाल में सड़क हादसों में कुछ कमी आई थी. हालांकि अब इनमें फिर से बढ़ोतरी का ट्रेंड देखा जा रहा है. पिछले 6 महीने में करीब 6 हजार सड़क हादसे हुए (road accident increased in Raipur) हैं. इसमें 6 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि 2600 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
इसका खुलासा छत्तीसगढ़ सड़क सुरक्षा समिति की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. राज्य में रोजाना 17 लोगों की मौत हो रही है. जबकि हर दिन 37 लोग घायल हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा युवा हैं.
हदसे में 44 फीसदी लोगों की मौत:राज्य पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार अब तक हुए कुल सड़क हादसों में करीब 44 फीसदी लोग अपनी जान गवां चुके हैं. कुल 6 हजार हादसों में 6 हजार लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. कुल सड़क हादसे में 75 फीसद शहर से सटे हुए ग्रामीण इलाकों में दोपहिया चालक और पीछे बैठने वाले शामिल हैं. प्रतिमाह लगातार एक हजार सड़क हादसे हो रहे हैं. सड़क हादसों के आंकड़े को देखते हुए राज्य सड़क सुरक्षा समिति ने सर्वाधिक दुर्घटना को ठीक करने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है.
ब्लैक स्पॉट में आई कमी:राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2020 में 140 ब्लैक स्पॉट थे. लगातार सुधार के बाद इस समय केवल 104 ब्लैक स्पॉट रह गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा रायगढ़ में 11, रायपुर में 9 राजनांदगांव और जांजगीर चांपा में 6-6, बिलासपुर जगदलपुर में 5-5 हैं. इसके अलावा अन्य जिलों में 3 से 4 रह गई है. इन सभी को अक्टूबर 2022 तक सुधारने का लक्ष्य रखा गया है.
इस समय होते हैं सर्वाधिक हादसे: ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया, "दोपहर 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक का समय सर्वाधिक संवेदनशील होता है. इस दौरान 85 फीसदी से अधिक दुर्घटनाएं होती है. इसकी मुख्य वजह तेज रफ्तार से वाहन चलाना, नशे की हालत में मोबाइल का उपयोग, हेलमेट और मोटर यान अधिनियम के अनुसार नियंत्रित रूप से वाहन नहीं चलाना है. ज्यादातर हादसे देहात इलाके में हो रहे हैं. पुलिस जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है."