रायपुर :हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी (Rishi Panchami Vrat 2021) का बहुत अधिक महत्व है. आज ऋषि पंचमी व्रत है. हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर ऋषि पंचमी व्रत पड़ता है. इस दिन सप्त ऋर्षियों का पूजन किया जाता है. महिलाएं इस दिन सप्त ऋषि का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख शांति एवं समृद्धि की कामना से यह व्रत रखती हैं. जाने-अनजाने हुई गलतियों और भूल से मुक्ति पाने के लिए लोग ये व्रत जरूर करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति ऋषियों की पूजा-अर्चना और स्मरण करता है उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है.
जानें ऋषि पंचमी का पूजन मुहूर्त
पंचमी तिथि की शुरुआत 10 सितंबर की रात 09.57 बजे से ही हो गई है और इसकी समाप्ति 11 सितंबर को 07.37 को होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.03 बजे से शुरू होकर दोपहर 01.32 बजे तक रहेगा. इस साल ये पर्व 11 सितंबर को मनाया जा रहा है.
यह है ऋषि पंचमी पूजा विधि
- व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए, इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए.
- फिर घर के पूजा ग्रह की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए.
- इसके बाद हल्दी से चौकोर मंडल बनाएं, फिर उस पर सप्त ऋषियों की स्थापना कर व्रत करने का संकल्प लेनी चाहिए.
- इसके बाद सप्त ऋषियों की सच्चे मन से पूजा करें.
- पूजा स्थल पर एक मिट्टी के कलश की स्थापना करें.
- सप्तऋषि के समक्ष दीप, धूप जलाएं और गंध, पुष्प नैवेद्य आदि अर्पित कर व्रत की कथा सुनें.
फिर इस मंत्र से अर्घ्य दें
‘कश्यपोऽत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोऽथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं मे सर्वं गृह्नणन्त्वर्घ्यं नमो नमः॥ - व्रत कथा सुनने के बाद आरती करें और सप्तऋषि को मीठे पकवान का भोग लगाएं.
- इस व्रत में केवल एक बार रात के समय भोजन किया जाता है.
- ध्यान रखें कि व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन पृथ्वी पर पैदा हुए शाकादि आहार ही लेना चाहिए.
क्या है ऋषि पंचमी व्रत, क्यों प्रचलित है इसकी कथा