रायपुर :सांप्रदायिकता भड़काने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के लिए गृह विभाग ने असाधारण राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की है. इसके जरिए कलेक्टरों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए अधिकृत किया गया है. जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तत्व सांप्रदायिक में मेल मिलाप को संकट में डालने के लिए लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं.उनके सक्रिय होने की संभावना है. इसलिए सभी 33 जिलों के कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिए गए हैं कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा तीन-2 से मिली शक्तियों का प्रयोग 1 जनवरी से 31 मार्च 2023 तक की अवधि में कर सकते हैं.
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून :धारा तीन-2 के केंद्र अथवा राज्य सरकार किसी व्यक्ति की हानिकारक कार्य करने से रोकने, लोक व्यवस्था बनाए रखने अथवा आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्ति को हिरासत में रखने के निर्णय करने का आदेश दे सकती है. ऐसा आदेश जारी होने के 7 दिन के भीतर राज्य सरकार केंद्र सरकार को भी इसकी जानकारी देगी. जानकारी के मुताबिक इस कानून के तहत पुलिस किसी व्यक्ति को 3 महीने के लिए गिरफ्तार कर सकती है और जरूरत पड़ी तो उसकी अवधि भी बढ़ाई जा सकती है. गिरफ्तारी के आदेश को सिर्फ इस आधार पर अवैध नहीं माना जा सकता है कि इसमें से एक या दो कारण स्पष्ट नहीं है उसका अस्तित्व नहीं है अथवा वह अप्रासंगिक है. उस व्यक्ति से संबंधित नहीं है. किसी अधिकारी को ऐसे आधार पर गिरफ्तारी का आदेश पालन करने से नहीं रोका जा सकता है. गिरफ्तारी के आदेश को इसलिए अवैध करार नहीं दिया जा सकता कि वह व्यक्ति उस क्षेत्र से बाहर हो जहां से उसके खिलाफ आदेश जारी किया गया है.