रायपुर : सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण जारी रहेगा. इसकी मंजूरी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दे (reservation issued for poor of general category ) दी. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, साथ ही इसका चुनाव में किस तरह का असर देखने को मिल सकता है. इस श्रेणी में आने वाले लोगों को क्या फायदा होगा. इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत से विस्तार से बात की वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने.
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए दस फीसदी आरक्षण जारी, SC के फैसले का राजनीति पर असर - Supreme Court
impact of SC decision on politics सामान्य वर्ग में आने वाले सभी धर्मों के लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा. यदि सामान्य वर्ग का व्यक्ति सालाना 8 लाख से कम आय प्राप्त करता है तो वह इसके योग्य माना जाएगा. ये आरक्षण केवल आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को ही मिलेगा.इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट में हुआ है.
आगामी चुनाव में कितना होगा असर :सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का आगामी चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि '' आरक्षण 50% वाले कोटे में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है , इसके बाद 10% आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जा रहा है. आरक्षण के दोनों केटेगरी को एक समान नहीं देखा जा सकता है. एक तरीके से यह निर्णय भाजपा सरकार के पक्ष में गया है और जिसका लाभ आने वाले चुनाव में भाजपा को मिलेगा. जो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से अच्छी शिक्षा नही ले पा रहे थे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.''
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला : बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है. चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने 3:2 से संविधान के 103वें संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया. हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी. बाकी तीन जजों ने कहा यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है. गौरतलब है कि EWS कोटे में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिला हुआ है. इस फैसले को चुनौती दी गयी थी. impact of SC decision on politics