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ढाई-ढाई साल CM फॉर्मूला, भूपेश-सिंहदेव के बीच बढ़ रही दूरियां! पहले भी ऐसे बयान देते रहे हैं 'बाबा' - TS Singh deo

17 दिसंबर को प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने दो साल हो जाएंगे. ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले पर सरकार गठन के वक्त बहुत चर्चा हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सीएम पद के प्रबल दावेदार थे और भूपेश बघेल को हाईकमान ने ये जिम्मेदारी सौंप दी थी. खबरें थीं कि ढाई-ढाई साल के सीएम फॉर्मूले पर बात बनी थी.

resentment between Bhupesh Baghel and TS Singh deo
टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच टकराव

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Published : Dec 10, 2020, 8:16 PM IST

रायपुर:भूपेश बघेल के सिर पर 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा बंधा था. टीएस सिंहदेव के बिना छत्तीसगढ़ में वनवास काट रही कांग्रेस का सत्ता में लौटना मुश्किल था. छत्तीसगढ़ के ये दोनों वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे लेकिन हाईकमान ने कमान दाऊ को सौंपी थी. बाबा वित्त मंत्रालय चाहते थे लेकिन उनके हिस्से आया था स्वास्थ्य. बस वहीं से चर्चा पकड़ ली थी ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले ने. भले ही औपचारिक तौर पर किसी ने ये कहा न हो लेकिन 2 साल के दौरान ये मुद्दा कभी खबर से बाहर भी नहीं रहा.

ढाई-ढाई साल CM फॉर्मूला

कई ऐसे मौके आए जब एक ही शहर में साथ होने पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव साथ नहीं नजर आए. शपथ ग्रहण के बाद गले मिले इन नेताओं की ऐसी करीबी फिर नहीं दिखी. ऐसा कई बार हुआ जब मुस्कुराते हुए टीएस बाबा ने अपनी नाराजगी कहिए, दर्द कहिए या फिर अपने दिल की बात कह दी.

क्रिकेट टीम के बदलते रहते हैं कप्तान : टीएस सिंह देव

करीब 1 साल पहले ETV भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था क्रिकेट की टीम में 11 लोग होते हैं लेकिन कप्तान एक होता है और कप्तान भी बदलता रहता है. उन्होंने उस वक्त भी सीएम भूपेश बघेल से दूरी की बात को वो हंस कर टाल गए थे.

बेरोजगारी पर ट्वीट के बाद हटा था नाम

भूपेश बघेल से स्वास्थ्य मंत्री सिंह देव की नाराजगी की चर्चा एक बार फिर तब जोरों पर रही जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने 30 जून 2020 को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, सभी बेरोजगार शिक्षा कर्मियों, विद्या मितान प्रेरकों एवं अन्य युवाओं की पीड़ा से मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं. जन घोषणा पत्र के माध्यम से जो वादा आपको किया था मैं उस पर अटल हूं. यही विश्वास दिला रहा हूं कि सरकार प्रयास कर रही है हम आपके साथ हैं और साथ रहेंगे.

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घोषणा पत्र को लेकर गंभीर दिखते हैं सिंहदेव

टीएस सिंहदेव के इस बयान को इस रूप में देखा गया है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जिन वादों का घोषणा पत्र में जिक्र किया गया था. उन वादों को पूरा करने सरकार अग्रसर नहीं है और इसके तुरंत बाद ही सरकार ने प्रवक्ताओं की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में पार्टी के सबसे सहज, सरल और सॉफ्ट स्पोकेन इस नेता का नाम शामिल नहीं था. उस समय सिंहदेव ने कहा था कि हमें अपने वादे निभाने चाहिए.

अपने संभाग के सीनियर लीडर्स की अनदेखी से नाराज !

अक्टूबर 2020 ही में एल्डरमैन की नियुक्ति के दौरान भी यह देखा गया कि सरकार में टीएस सिंहदेव के करीबियों को महत्व नहीं दिया. उनकी उपेक्षा की इस बात को तब और बल मिल गया जब अंबिकापुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भेंट करने के दौरान टीएस सिंहदेव ने कहा था कि सरगुजा संभाग में ऐसा देखने में आ रहा है कि संघर्ष के दिनों में कांग्रेस के जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को आगे ले जाने में भूमिका निभाई है उन्हें छोड़ पार्टी में नए जुड़े लोगों को महत्व दिया जा रहा है सिंहदेव का बयान आने के बाद पार्टी के बड़े नेताओं में उनके बयान को लेकर सनसनी फैल गई थी. सरगुजा संभाग में टीएस बाबा की पकड़ है. यहां की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

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'कल भी बदल सकता है सीएम'

6 दिसंबर को बिलासपुर में टीएस सिंहदेव ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर कहा कि 'कार्य अवधि किसी की तय नहीं रहती. हमने अर्जुन सिंह के रूप में दो दिन का मुख्यमंत्री भी देखा और 15-15 साल का सीएम भी देख रहे हैं. 'सिंहदेव ने कहा कि 'समय और परिस्थिति के हिसाब से हाईकमान इसका निर्णय करता है.' ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा था कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता. सिंहदेव ने ये भी कहा कि कई बार नाराजगी के साथ भी काम करना होता है.

मार्च 2020 स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और भूपेश बघेल के बीच नाराजगी तब देखने को मिली जब कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री निवास में एक आपात बैठक बुलाई गई थी. उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव को इस बैठक की जानकारी ही नहीं दी गई जबकि वे उस समय मुख्यमंत्री निवास से चंद कदमों की दूरी पर स्थित अपने शासकीय निवास में मौजूद थे.

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भूपेश बघेल, पुनिया और मंत्रिमंडल का टीएस सिंहदेव के निवास पहुंचना

हाल ही में अचानक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, कैबिनेट के कई मंत्री, विधायक और वरिष्ठ नेता देर रात टीएस सिंहदेव के बंगले पर पहुंचे. उस वक्त भी तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे कि टीएस सिंहदेव नाराज हैं, सीएम और उनके बीच की दूरी को कम करने के लिए ये डिनर रखा गया था.

छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव अपने व्यवहार के वजह से लोकप्रिय हैं. विपक्ष भी उनकी तारीफ करता है. उनके सीएम के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी कहा था कि वो राजा हैं, कभी झूठ नहीं बोलते, दिल से बात करते हैं. आगे क्या होगा ये भविष्य के जानता है लेकिन अब राजा साहब अपने दिल की एक-एक बात मुस्कुरा कर बता रहे हैं.

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