गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी छत्तीसगढ़ की झांकी, आदिवासी संस्कृति से सराबोर होगा कर्तव्य पथ - Tableau of Muria Darbar
Republic Day Parade 2024 गणतंत्र दिवस पर इस बार नई दिल्ली का राजपथ छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति से सराबोर होगा. रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ने छत्तीसगढ़ का मुरिया दरबार की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित किया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके लिए जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है. Chhattisgarh Tableau
रायपुर: गणतंत्र दिवस पर इस बार नई दिल्ली का राजपथ छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति से सराबोर होगा. रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ने छत्तीसगढ़ का मुरिया दरबार (बस्तर की आदिम जनसंसद) की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित किया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर को गौरव का पल बताया है. उन्होंने इसके लिए जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, "छत्तीसगढ़ की आदिवासी सस्कृति को अब पूरी दुनिया देखेगी.
छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा अवसर: यह प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा अवसर है. क्योंकि 28 राज्यों में प्रतियोगिता के बाद केवल 16 को ही इस परेड में शामिल होने का मौका मिला है. छत्तीसगढ़ की झांकी का अनूठा विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में इस बार कामयाब रहा. जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी ने बताया कि "छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है. जिसमें 'बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार' को दिखाया जाएगा. झांकी में जनजातीय समाज के आदि काल से मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाया जाएगा, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है.
रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ने दी मंजूरी: जनसंपर्क के अधिकारियों ने बताया, छत्तीसगढ़ की झांकी के थीम और डिजाइन को स्थानीय स्तर पर लोगों से चर्चा कर और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है. इस विषयवस्तु पर आधारित झांकी को पांच राउंड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है. रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति के द्वारा चयन के बाद झांकी का थीडी मॉडल प्रस्तुत किया गया. अंत में म्यूजिक चयन के साथ ही झांकी को अंतिम स्वीकृति मिली. झांकी की थीम और डिजाइन ने चयनकर्ताओं को खासा आकर्षित किया है.
गणतंत्र दिवस की झांकी ऐसे होता है सेलेक्ट: गणतंत्र दिवस की परेड के लिए तैयारियां काफी पहले से ही शुरू हो जाती है. झांकियों को तैयार करने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाती है. रक्षा मंत्रालय ही तय करती है कि किस राज्य और किस विभाग की झांकी इस परेड में शामिल होगी. इसके लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन होता है. कमिटी में आर्ट, कल्चर, पेंटिंग, स्वल्पचर, म्यूजिक, आर्किटेक्चर, कोरियोग्राफी क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग होते हैं. एक्सपर्ट कमिटी बैठक कर विभिन्न राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से मिली झांकियों के प्रस्तावों को देखती है. इन झांकियों का उनके विषय, डिजाइन और उसके विजुअल इंपैक्ट के आधार पर जांच करती है. इसके बाद अपनी सिफारिश डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजती है.
रक्षा मंत्रालय की कमेटी पहले फेज में सभी प्रस्तावों के स्केच डिजाइन की जांच करती है. साथ ही जरूरी होने पर इसमें संशोधन के लिए सुझाव दिए जाते हैं. एक बार जब कमेटी स्केच और डिजाइन को पास कर देती है. फिर प्रतिभागियों को अपने प्रस्तावों के 3डी मॉडल्स के साथ आने को कहा जाता है. हालांकि, मॉडल स्टेज में आने का मतलब सेलेक्शन नहीं होता है. इसके बाद फाइनल चयन के लिए एक्सपर्ट कमेटी विभिन्न आधार पर झांकियों को परखते हैं. सेलेक्शन प्रक्रिया आमतौर पर 6 से 7 राउंड की बैठक के बाद पूरी होती है.