रायपुर.मरवाही उपचुनाव के दौरान पार्टी में आए बिखराव के बाद से ही सियासी गलियारे में जेसीसीजे के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे. वैसे तो इस तरह की बातें पार्टी के सुप्रीमों अजीत जोगी के निधन के बाद से ही उठने लगी थीं. इन तमाम सियासी उठापटक के बीच बुधवार को जोगी बंगले में पार्टी की कोर कमेटी की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में रेणु जोगी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. वहीं अमित जोगी प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में बरकरार रहेंगे.
इस बैठक का सियासी संदेश
आज जोगी की सपनों की पार्टी विरोधियों से कम बल्कि पार्टी के भीतर ज्यादा उलझी नजर आती है. देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा जैसे विधायक खुलकर पार्टी नेतृत्व का विरोध कर रहे हैं. ये नेता सबसे ज्यादा अमित जोगी के खिलाफ मुखर नजर आ रहे हैं. हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि इस बैठक में इन दोनों नेताओं ने हिस्सा तक नहीं लिया. जानकारों के मुताबिक पार्टी से लगातार समर्थक छोड़ने की प्रमुख वजह अमित जोगी हैं उनके साथ कई नेता सामंजस्य नहीं बना पा रहे हैं. हो सकता है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि पार्टी में रेणु जोगी सबसे बड़ी नेता हैं. इस तरह रेणु जोगी की ताजपोशी पार्टी सुप्रीमो के तौर पर जिम्मेदारी देकर पार्टी को एक नई ताजगी देने की कोशिश की है.
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