रायपुर:यथाशीघ्र मनचाहे जीवनसाथी या प्रेम विवाह करने के लिए युवाओं को प्रतिदिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय नामक महामंत्र का पाठ करना चाहिए. यह द्वादश अक्षर का मंत्र बहुत प्रभावशाली और शक्तिशाली है. इस द्वादश अक्षर के मंत्र को नियमित रूप से श्रद्धापूर्वक जाप करना चाहिए, इसके साथ ही अगाध श्रद्धा से इस मंत्र का लेखन भी करना चाहिए. इस पवित्र मंत्र के द्वारा यज्ञ हवन करने पर प्रेम विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है. इसी तरह कुंवारी कन्याओं को कात्यायनी मंत्र और हे गौरी मंत्र का भी नियमित पाठ करना चाहिए. कुंवारी कन्याओं को प्रत्येक दिन श्रद्धा पूर्वक आस्था के साथ भगवान भोलेनाथ का दर्शन लाभ लेना चाहिए. सोमवार के शुभ दिन भोलेनाथ जी को दूध जल आदि का अभिषेक करना चाहिए.
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आज के दौर में ज्यादातर लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन कई अड़चने आती है. आप भी प्रेम विवाह के समर्थन में हैं लेकिन शादी की बात नहीं बन पा रही है तो आप ज्योतिष की मदद ले सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपाय सुझाए गए हैं, जो आपके प्रेम विवाह में आ रही बाधा को दूर कर सकती हैं. चलिए जानते हैं प्रेम विवाह के रुकावट का हल जानिए...
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शिव जी की पूजा:ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "प्रत्येक सोमवार के दिन शिव जी को धतूरा बेलपत्र और आक के फूल चढ़ाए जाने चाहिए, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवजी का शुद्ध जल से अभिषेक करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि गंगा का जल नर्मदा का जल और पवित्र तीर्थों के जल से भगवान शिव यथाशीघ्र प्रसन्न होते हैं. भगवान भोलेनाथ जी को दुग्ध के द्वारा भी अभिषेक किया जाना चाहिए. दुग्धा अभिषेक से भगवान रुद्र अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इसी तरह माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा आराधना और साधना करने पर भी माता पार्वती जैसे ही अर्थात शिव जैसे ही दुर्लभ पति की प्राप्ति होती है. हे गौरी मंत्र के द्वारा कुंवारी कन्याओं को माता पार्वती की स्तुति प्रार्थना और जप करना चाहिए.
प्रेम विवाह की रुकावट में कैसे करें समाधान:ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक गुरुवार को कुंवारी कन्या किसी मंदिर में जाकर आचार्य को पीले वस्त्र पीले अन्य अथवा कोई भी पीला पदार्थ श्रद्धापूर्वक दान करती है, और सुयोग्य सधवा महिला की श्रद्धापूर्वक सेवा करती है, और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेती है. तो भी उन्हें योग्य जीवनसाथी की या प्रेम विवाह की सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है. इसी तरह जिनके विवाह में बाधा आ रही हो ऐसे जातकों को अपने पितरों के नाम पर दान पुण्य सेवा करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि बुजुर्गों अपंग, दिव्यांग और निराश्रित वृद्धजनों की सेवा से भी मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है."