रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण दिन ब दिन बेकाबू होता जा रहा है. कोरोना के भयावह संक्रमण से सरकार के साथ स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी रायपुर में 22 जुलाई से 6 अगस्त तक लॉकडाउन कर दिया गया है. इस बीच धार्मिक स्थलों को भी पूरी तरह से बंद रखा गया है, जिससे लोगों में कोरोना का संक्रमण का खतरा न रहे. धार्मिक स्थल में मंदिर ट्रस्ट और वहां के पुजारी ही भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
कोरोना वायरस के कारण मंदिरों के कपाट फिर हुए बंद इसके अलावा मंदिर परिसर में सैनिटाइजर टनल भी लगाई गई थी. जहां पर सैनिटाइज होकर श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर रहे थे. इसके अलावा भक्तों के लिए मंदिरों की घंटियों को रस्सी से बांधकर रखा गया है. ताकि लोग छूकर नहीं, बल्कि रस्सी को पकड़कर घंटी बजाएं. इसके अलावा भक्तों को मंदिर में किसी तरह की पूजन सामग्री लेकर जाने की अनुमति नहीं है.
मंदिर के अंदर जाने पर पाबंदी कोरोना संकट : छत्तीसगढ़ में 6 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन
भक्तजन बाहर से ही मात्था टेककर वापस लौट रहे
धार्मिक स्थलों को सरकारी पाबंदियों के साथ खोल दिया गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोरोना के विकराल प्रभाव को देखते लॉकडाउन कर भक्तों के लिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं, जिससे अब जो भक्त मंदिर तक पहुंच रहे हैं, उनको मंदिर के दरवाजे पर ही पर मात्था टेककर वापस लौटना पड़ रहा है.
मंदिर में पुजारियों को अनुमति 8 जून को खोले गए थे मंदिरों के कपाट
बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 जून को नियम शर्तों के साथ राज्य सरकारों को धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति दे दी थी. जिसके बाद धार्मिक स्थलों को सरकारी बंदिशों के तहत भक्तों के लिए खोल दिया गया था. मंदिरों के पट खुलने के बाद लोगों की भीड़ मंदिरों में देखने को मिली थी.
लॉकडाउन के बीच अति आवश्यक सेवाएं रहेंगी खुली
मंदिर में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन भी करवाया जा रहा था, लेकिन अब 6 अगस्त लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन में सिर्फ अति आवश्यक सेवाएं मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, रसोई गैस, दूध और बैंक जैसी अन्य सेवाओं को निर्धारित समय के लिए खोलने की अनुमति मिली हुई है.