रायपुर: शहर के मध्य स्थल में बांसटाल नाम की जगह है. यहां निवास करने वाले लोग पिछले 50 सालों से भी ज्यादा समय से रावण बनाने का काम करते हैं. यह काम वे पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं.
100 परिवार बनाता है रावण:बांसटाल में लगभग 100 परिवार हैं. वे सभी नवरात्र की शुरुआत से रावण बनाने के काम में जुट जाते हैं. मोहल्ले के ओम प्रकाश मरकाम ने बताता कि '' पिता और दादा भी रावण बनाते आ रहे हैं. पीढ़ियों से बांस से जुड़ा व्यवसाय करते आ रहे हैं. टोकरी, बांस से बने सामान बेचते हैं. दशहरा के दौरान रावण बनाकर बेचते हैं.
महिलाएं भी बनाती हैं रावण:ओम प्रकाश ने बताया ''बांस से जुड़ा काम पीढ़ियों से कर रहे हैं. घर में महिलाएं भी व्यवसाय में हाथ बंटाती हैं. सारा परिवार मिलकर नवरात्रि के दौरान रावण बनाने के काम में जुट जाता है.''
महंगाई का दिख रहा असर:बांस के व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बताया कि महंगाई के चलते आज सारी चीजें महंगी हो गई है. रावण बनाने का समान भी महंगा आ रहा है. कपड़े से लेकर कागज और बांस के दाम भी महंगे हो गए हैं. आज 200-250 रुपए एक बांस की कीमत है.
कितने में बिक रहा रावण:ओमप्रकाश मरकाम ने बताया कि ''पिछले साल जिला प्रशासन ने कम हाइट के रावण बनाने की गाइडलाइन जारी की थी. इस साल हाइट को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. इसलिए 20 से 30 फीट के रावण बनाए जा रहे हैं. 10 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक रावण की कीमत रखी गई है.''
ऐसे तैयार किया जाता है रावण:ओमप्रकाश मरकाम ने बताया '' रावण बनाने के लिए सबसे पहले बांस से स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है. हाथ पैर तैयार किए जाते हैं. स्ट्रक्चर तैयार होने के बाद पहले बोरा बांधा जाता है. फिर कपड़े पहनाए जाते हैं. बाद में कागज और कागज की लुगदी से रावण का सिर तैयार किया जाता है. इसे सांचे में रखकर तैयार किया जाता है और बाद में कलर किया जाता है.''